निकाह की आत्मा को शादियों की रस्मों ने खत्म कर दियाः मौलाना अब्दुल सत्तार

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 3 Years ago
निकाह की आत्मा को शादियों की रस्मों ने खत्म कर दियाः मौलाना अब्दुल सत्तार
निकाह की आत्मा को शादियों की रस्मों ने खत्म कर दियाः मौलाना अब्दुल सत्तार

 

यूनुस अलवी/नूंह / हरियाणा

नूंह जिला में दिल्ली के निजजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज द्वारा संचालित मदरसा काशिफुल उलूम की निगरानी  में सिंगार में मदरसा चल रहा है. यहां वार्षिक परीक्षा आयोजित की गई. इस दौरान मरकज निजामुद्दीन की ओर से मौलाना अब्दुल सत्तार मजाहिरी फतेहपुर के नेतृत्व में उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल  मौजूद रहा.

तब्लीग जमात के संस्थापक मरहूम हजरत मौलाना इलियास के साथी रहे हाजी इलाही बख्श के परिवार के सदस्य हाफिज उस्मान की पोती का निकाह मौलाना इस मौके पर अब्दुल सत्तार मजाहिरी ने सादगी से पढ़ाया. निकाह समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने सादगी से शादी करनी छोड़ दी.

अफसोस है कि शादियों में निकाह जैसे पवित्र कार्य इस्लाम के तरीके और हजरत मुहम्मद पैगंगर की सुन्नतें नजरंदाज की जा रही हैं. शादी में फिजूलखर्ची ज्यादा गई है. लोग शादी में कम खर्च करने को अपनी बइज्जती समझते है, जबकि इस्लाम में शादी-निकाह को सादगी से करने का हुक्म है.

उन्होंने कहा समाज के लोगों ने निकाह को रस्मों में जकड़ कर मुसीबत बना दिया है. इसकी वजह से गरीबों को अपनी बेटियों की शादी करनी मुश्किल हो गई है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में दहेज का कहीं जिक्र नहीं, लेकिन पढ़े लिखे, पैसे वाले लोग भी बढ़चढ़ कर दहेज ले-दे रहे है.

उन्होंने कहा कि देश के लोगों को गुजरात जैसे राज्य से सबक लेना चाहिए, जहां निकाह सादगी से अंजाम दिया जाता है. निकाह बरकत है, लेकिन हमने इसे मुसीबत बना दिया है.   इस मौके पर मौलाना फखरूद्दीन रीठट, मुफ्ती अब्दुल सत्तार, साबिर कासमी, हाफिज उस्मान, हाफिज अब्दुल रज्जाक, कारी लुकमान, मास्टर रिहान गंगोंही. मुफ्ति इरशाद सालाहेड़ी सहित कई उलेमा मौजूद थे.