‘धर्म संसद’ वाले देश में गृहयुद्ध की मांग कर रहे हैं: नसीरुद्दीन शाह

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-12-2021
गृहयुद्ध की मांग कर रहे हैं
गृहयुद्ध की मांग कर रहे हैं

 

मुंबई. अभिनेता नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर अपने इंटरव्यू के लिए सुर्खियों में आ गए हैं. वे कई बार धार्मिक मुद्दों पर अपनी राय दे चुके हैं और अब उन्होंने हरिद्वार में धर्म संसद को लेकर एक बयान दिया है, जो चर्चा में आ गया है. नसीरुद्दीन शाह का मानना है कि जो लोग मुसलमानों के नरसंहार की मांग कर रहे हैं, वे देश में गृहयुद्ध की मांग कर रहे हैं. यह बात उन्होंने अपने ताजा इंटरव्यू में कही.

दरअसल, ताजा इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह से 17दिसंबर से 19दिसंबर के बीच होने वाली धर्म संसद के बारे में पूछा गया था, जिसके बारे में सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने सीजीआई को पत्र लिखा है. पत्र में वकीलों ने अभद्र भाषा का संज्ञान लेने का आह्वान किया.

इस मामले में, नसीरुद्दीन शाह ने इंटरव्यू में कहा कि अब जो हो रहा है, उसे देखकर वह बहुत हैरान हैं. उन्हें शायद पता भी नहीं होगा कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं और किसे बुला रहे हैं. यह गृहयुद्ध जैसा होगा.

नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘हम 20करोड़ लोगों से लड़ेंगे. यह जगह हम 20करोड़ लोगों की मातृभूमि है. हम यहां 200मिलियन लोग हैं. हम यहां पैदा हुए थे. हमारे परिवार और कई पीढ़ियां यहीं से हैं और हमारे पूर्वज भी इसी मिट्टी में दबे हैं.

उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि अगर इस तरह का अभियान चलाया गया, तो इसका कड़ा विरोध होगा और इससे भारी नुकसान हो सकता है. अपने बयान को जारी रखते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है.’

उन्होंने कहा कि ऐसा करके मुसलमानों में डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मुसलमान हार नहीं मानेंगे. मुसलमानों को इस स्थिति का सामना करना पड़ेगा. हमें अपनी मातृभूमि की रक्षा करनी है. हमें अपने परिवार और अपने बच्चों को बचाना है.

अभिनेता ने इस संबंध में सरकार से सवाल भी किया. उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी किया जा रहा है, वह मुसलमानों को असुरक्षित महसूस कराने का एक ठोस तरीका है.’

ये सारे काम उस जगह से शुरू होते हैं, जहां औरंगजेब का जिक्र आता है. सत्ता पक्ष के लिए अलगाववाद एक नीति बन गया है. उन्होंने कहा, ‘भले ही धर्म संसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, मैं जानना चाहता था कि इन लोगों का क्या होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें कुछ नहीं हुआ.’