चीनी नागरिकों को वीजा, सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के करीबी को किया गिरफ्तार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-05-2022
चीनी नागरिकों को वीजा, सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के करीबी को किया गिरफ्तार
चीनी नागरिकों को वीजा, सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के करीबी को किया गिरफ्तार

 

नई दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन को और अन्य के खिलाफ नियमों का उल्लंघन कर चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद करने के मामले में गिरफ्तार किया. मंगलवार को जांच एजेंसी ने पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के घर समेत देशभर में 10 जगहों पर छापेमारी की. बाद में चिदंबरम ने सीबीआई के कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि प्राथमिकी में उनका नाम नहीं है.

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कार्ति चिदंबरम और भास्कररमन को निजी फर्मो सहित अन्य लोगों के साथ एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था. कहा जाता है कि वरिष्ठ चिदंबरम ने कथित तौर पर उनकी मदद की थी.

प्राथमिकी के अनुसार, पंजाब स्थित निजी फर्म तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और कथित तौर पर चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने में उसकी मदद करेंगे.

सीबीआई अधिकारी ने कहा कि, "मानसा पंजाब स्थित निजी फर्म 1980 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया में थी और प्लांट की स्थापना एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स की गई थी. परियोजना अपने समय से पीछे चल रही थी. देरी के लिए दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए उक्त निजी कंपनी अधिक से अधिक चीनी व्यक्तियों, पेशेवरों को जिला मानसा पंजाब में अपनी साइट के लिए लाने की कोशिश कर रही थी."

अधिकारी ने कहा कि उक्त उद्देश्य के लिए उक्त निजी कंपनी के प्रतिनिधि ने अपने करीबी सहयोगी के माध्यम से चेन्नई स्थित एक व्यक्ति से संपर्क किया और उसके बाद उन्होंने सीलिंग के उद्देश्य को विफल करने के लिए एक बैक-डोर का रास्ता तैयार किया.

मानसा स्थित निजी कंपनी के उक्त प्रतिनिधि ने गृह मंत्रालय को एक पत्र प्रस्तुत कर इस कंपनी को आवंटित प्रोजेक्ट वीजा के पुन: उपयोग के लिए अनुमोदन की मांग की, जिसे एक महीने के भीतर अनुमोदित किया गया था और अनुमति जारी की गई थी.

चेन्नई स्थित उक्त निजी व्यक्ति द्वारा अपने करीबी सहयोगी के माध्यम से कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी, जिसे उक्त मानसा स्थित निजी कंपनी द्वारा भुगतान किया गया था.यह आरोप लगाया गया है कि वरिष्ठ चिदंबरम ने कथित तौर पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनियों को वीजा दिलाने में मदद की. सीबीआई ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है.