वैक्सीन मामलाः ‘ नए भारत ’ का करारा जवाब, बैकफुट पर आया ब्रिटेन

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 02-10-2021
वैक्सीन मामलाः ‘ नए भारत ’ का करारा जवाब, बैकफुट पर आया ब्रिटेन
वैक्सीन मामलाः ‘ नए भारत ’ का करारा जवाब, बैकफुट पर आया ब्रिटेन

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
 
वैक्सीन मामले में भारत ने ब्रिटेन को करारा जवाब दिया है. उसे समझा दिया कि यह नया भारत है, गुलाम भारत नहीं. भारत के कड़े रूख के चलते ब्रिटेन भी बैकफुट पर आ गया है.ब्रिटेन से भारत आने वालों पर सख्त कोरोना नियम लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले पर ब्रिटिश उच्चायोग ने बयान जारी किया है.
 
उच्चायोग ने कहा है कि हम चाहते हैं कि यात्रा यथासंभव आसान हो. यूके यात्रा के लिए खुला है. वर्ष 2021 में अब तक 62500 वीजा जारी किए जा चुके हैं.आयोग ने कहा कि यूके इस नीति का विस्तार करने के लिए दुनिया भर की सरकारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सहयोग पर भारत सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं कि भारत में वैक्सीन प्रमाण पत्र यूके में स्वीकार किए जाएं.
 
दरअसल, भारत सरकार ने यूके द्वारा कोविन सर्टिफिकेट को मंजूरी न दिए जाने के मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार किया है. अब यूके से भारत आने वालों को उन्हीं नियमों से गुजरना होगा, जो यूके ने लगाए हैं.
 
सूत्रों के मुताबिक, देश में नए नियम 4 अक्टूबर से लागू होंगे. यूके भी 4 अक्टूबर से नए नियम लागू कर रहा है. बताया गया कि नए नियमों के मुताबिक भारत आने से 72 घंटे पहले आरटीपीसी आर टेस्ट कराना होगा. हवाई अड्डे पर आगमन पर भी परीक्षण करने की भी आवश्यकता होगी. आगमन के आठवें दिन फिर से आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा. साथ ही भारत आने के बाद आपको 10 दिनों तक क्वारंटाइन में रहना होगा.
 
 
पिछले हफ्ते भारत के सवालों के बाद ब्रिटेन ने अपनी यात्रा सलाह में बदलाव किया, कोविशील्ड को मंजूरी दी और इसे टीकों की सूची में शामिल किया है. हालांकि, भारतीय यात्रियों के लिए ब्रिटेन की यात्रा में आने वाली बाधाओं को अभी पूरी तरह से हटाया नहीं गया है.
 
यात्रियों को यूके पहुंचने पर कोविड की जांच करानी होगी. और इसके नियमों का पालन करना होगा. क्योंकि देश ने अभी तक कोविन सर्टिफिकेट को मंजूरी नहीं दी है. इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है.
 
इसका भारत ने विरोध किया था. भारत ने कहा था, ‘‘कोव शील्ड को मंजूरी नहीं देना भेदभाव की नीति है. इससे हमारे यात्रियों की यूके की यात्रा प्रभावित होगी.‘‘ विदेश मंत्री एसजे शंकर ने भी ब्रिटेन से अपील की थी कि पूरी तरह से टीका लगाए गए भारतीयों के लिए क्वारंटाइन नियमों में ढील दी जाए.