उत्तर प्रदेशः मुस्लिम भाईयों ने कांवड़ियों पर बरसाई गुलाब की पंखुड़ियां, की सेवा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-07-2022
उत्तर प्रदेशः मुस्लिम भाईयों ने कांवड़ियों पर बरसाई गुलाब की पंखुड़ियां, की सेवा
उत्तर प्रदेशः मुस्लिम भाईयों ने कांवड़ियों पर बरसाई गुलाब की पंखुड़ियां, की सेवा

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-मुजफ्फरनगर

यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भगवान शिव के भक्त कांवड़ियों पर गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं और देश भर में सद्भावना का संदेश दिया कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो चुकी है और कांवड़िये गंगाजल लेकर अपने क्षेत्रों की ओर रवाना होने लगे हैं, जहां पहुंचकर वे मंदिरों में रुद्राभिषेक करेंगे.

कांवड़ियों की यात्रा अत्यंत दुस्कर होती है. उन्हें मीलों तक पैदल कांवड़ उठाकर चलना होता है. इतना वजन उठाकर चलना भोले बाबा में अगाध श्रद्धा के कारण ही संभव हो पाता है. पुरुष ही नहीं महिलाएं भी कांवड़ में गंगाजल लेकर यात्रा करती हैं. पैदल यात्रा में कांवड़ियों को भोजन और विश्राम के अलावा चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता होती है, क्योंकि अन्य रोगों के अलावा अधिकतर कांविड़यों के पैरों में छाले पड़ जाते हैं और छाले फूटकर बड़े घावों में तब्दील हो जाते हैं.

इसलिए कांवड़ मार्ग पर श्रद्धालुओं द्वारा कांवड़ शिविर लगाए जाते हैं, जहां कांवड़ियों के प्रक्षालन, भोजन, विश्राम, चिकित्सा, भजन-कीर्तन आदि की सुविधा होती है. ये सुविधाएं जुटाकर अन्य जन स्वयं को बड़भागी मानते हैं कि उन्होंने भोले के भक्तों की सेवा की.

दटाइम्सब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरनगर में भी एनएच 58 पर कांवड़ शिविर लगाया गया है, जहां विश्राम और पेयजल आदि सुविधाएं मुस्लिम भाईयों द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही हैं. स्थानीय निवासी एलेन हुसैन के अनुसार मुजफ्फरनगर को मोहब्बत नगर के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने कहा कि सभी का सम्मान किया जाना चाहिए और हर धर्म के लोगों को अपनी पसंद के अनुसार जीने में सक्षम होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब यहां के मुसलमान कांवड़ियों का स्वागत कर रहे हैं. मैं पिछले 30 सालों से इन तीर्थयात्रियों का यहां स्वागत कर रहा हूं. भारत अपनी विविधता के लिए प्रसिद्ध है, जहां सभी क्षेत्रों के लोग विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के साथ तालमेल बिठाते हैं.

एसएसपी विनीत जायसवाल के अनुसार, दो साल के कोविड अंतराल के बाद, अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि लगभग चार करोड़ कांवरिये हरिद्वार पहुंचेंगे. इस बीच, जिले को 9 सुपर जोन, 16 जोन, 53 सब जोन में विभाजित किया गया है और कांवड़ यात्रा के सफल समापन को सुनिश्चित करने के लिए 80 सेक्टर बनाए गए हैं.