लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नए मदरसों को अनुदान सूची से हटाने के राज्य मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. 17 मई को कैबिनेट ने नए मदरसों को अनुदान सूची से हटाने का फैसला किया, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया.
2013 में समाजवादी पार्टी सरकार ने मदरसों को अनुदान देने की नीति बनाई थी. इसके तहत अखिलेश सरकार ने 100 मदरसों को अनुदान देना शुरू किया था. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यूपी में कुल 16,461 मदरसे हैं. इनमें से 558 मदरसों को पहले ही अनुदान मिल रहा है. 2017 में राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से एक भी मदरसे को अनुदान नहीं दिया गया है.
इस तरह के अनुदान से प्रिंसिपल और एक क्लर्क के अलावा मदरसों के 12 शिक्षकों (चार उच्च, तीन उच्च और पांच निचले) को भुगतान किया जाता है. आलिया हाई स्कूल के समकक्ष है, जबकि फुकनिया एक जूनियर हाई स्कूल है, और तांतनिया एक प्राथमिक स्कूल है.
इससे पहले राज्य के मदरसों में महान हस्तियों और स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता का पाठ पढ़ाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए एक एप बनाने को भी कहा गया है. इसके माध्यम से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले लोगों की जीवन गाथा से परिचित कराया जाएगा. अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों में देशभक्ति की भावना जगाना है.