आवाज द वाॅयस /लखनऊ
योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों के नाम बदल दिए गए हैं. इ क्रम में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग राज कर दिया गया. वहीं इलाहाबाद रेलवे स्टेशन, सरकारी कार्यालयों आदि में इलाहाबाद की जगह प्रयाग राज ने ले ली. अब यूपी शिक्षा आयोग ने कई मशहूर कवियों के नाम बदलकर प्रयाग राजी कर दिया है, जिससे विवाद खड़ा हो गया है.
उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रसिद्ध कवि अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर अकबर प्रयाग राजी कर दिया है. वहीं, तिघ इलाहाबादी का नाम बदलकर तिघ प्रयाग राजी और राशिद इलाहाबादी का नाम रशीद प्रयाग राजी कर दिया गया है.
ये हैं शायरी की दुनिया के बड़े नाम. बहुत से लोग नाम में बदलाव से नाराज हैं और वे इसका गलत अर्थ निकाल रहे हैं. इस मामले में उच्च शिक्षा सेवा आयोग के प्रमुख ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने कहा है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
बता दें कि शिक्षा आयोग की अंग्रेजी वेबसाइट में हमारे बारे में एक खंड है जो इलाहाबाद (अब प्रयाग राज) के अतीत और उससे जुड़ी महत्वपूर्ण हस्तियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है.
प्रयाग राज उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है जिसे प्रयाग राज के नाम से जाना जाता है. यह तीन नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम भी है और हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है. हालांकि यह राज्य के सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में से एक है.
वेबसाइट के तीसरे पैराग्राफ में प्रसिद्ध उर्दू कवि का उल्लेख है. वेबसाइट पर लिखा है कि शहर में हिंदी साहित्य के अलावा फारसी और उर्दू साहित्य का भी अध्ययन किया जा रहा है, अकबर प्रयाग राजी जो एक महान कवि थे. तिघ प्रयाग राजी, शबनम नकवी और राशिद प्रयाग राजी की जड़ें भी यहीं हैं.
आयोग ने इलाहाबाद के नाम की जगह प्रयाग राज और प्रयाग राजी शब्दों का प्रयोग किया है, इसलिए कवियों के नाम बदल गए हैं.