सीतापुर. यूपी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए एक अनोखी रस्म के चलते दूल्हा ‘चिरंजीव रसल’ और दुल्हन ‘आयुष्मती इमली’ की कराई गई शादी. ‘चिरंजीव रसल’ आम था और दुल्हन इमली.
शादी के लिए छपे निमंत्रण पत्रों में दूल्हे को ‘फलों का राजा’ और दुल्हन को ‘चुलबुली पुत्री’ बताया गया.
मुस्तफाबाद में कथिना नदी को पुनर्जीवित करने के इरादे से रविवार को अनोखी शादी संपन्न हुई.
निमंत्रण पत्र
बारात में करीब 400 मेहमान बैलगाड़ियों पर सवार होकर आए. 50 नवविवाहित जोड़े भी समारोह में शामिल हुए.
शादी को एक शानदार ढंग से सजाए गए ‘मंडप’ में विधि पूर्वक पूरा किया गया और मेहमानों को पूरी, सब्जी, रायता और दही-वड़ा युक्त एक शानदार रात्रिभोज परोसा गया.
कार्यक्रम स्थल पर इमली का पौधा भी लगाया गया.
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अक्षत वर्मा ने कहा कि स्थानीय लोग पिछले कई दिनों से शादी की योजना बना रहे थे. वर्मा ने कहा कि उनका मानना है कि इस आयोजन से कथिना नदी के पुनरुद्धार में मदद मिलेगी.
स्थानीय लोग अब नदी के किनारे फलों के पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं, जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे नदी फिर से जीवित हो जाएगी.