राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-कानपुर
देश की फौज को युवा ऊर्जा की ताकत देने के लिए शुरू की गई ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ देशभर में हंगामा देखने को मिला. इस बीच कानपुर से एक मुस्लिम संस्था ‘एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स’ (एएमपी) ने जोरदार पहल की है और मुस्लिम युवाओं से अपील की है कि वे मुल्क की सलामती के लिए अग्निपथ योजना में शामिल होकर अग्निवीर बनें. इसके लिए एसोसिएशन मुस्लिम उलेमा से संपर्क साध रही कि मुस्लिम युवाओं को इस अभियान से जोड़ने के लिए उलेमा भी आगे आएं और युवाओं को इस स्कीम का पैगाम दें.
एसोसिएशन का यह कदम मुस्लिम युवाओं के लिए संजीवनी का काम कर सकता है. आगामी 25 जुलाई से अग्निपथ में भर्ती के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो रही है.
एक सर्वे के मुताबिक 60 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण मुस्लिम युवाओं के पास जमीन नहीं है. उनके पास नौकरी करना या अपना रोजगार करना ही उनकी आजीविका का एक साधन हो सकता है. 30 हजार रुपए महीना वेतन और चार साल बाद लगभग 12 लाख रुपए एकमुश्त रिटायरमेंट बेनेफिट्स मिलना उनके जीवन में इंकलाबी बदलाव ला सकता है. यानि जब 26-27 साल तक युवक जिस दौर में खाली हाथ घूमते हैं, उस उम्र में उनके सीने पर ‘अग्निवीर’ का गौरवशाली तमगा तो होगा ही, उनके पास अन्य सरकारी महकमों में भी नौकरी मिलने का मौका होगाया फिर वे 12 लाख रुपए से कोई अपना रोजगार शुरू कर सकेंगे.
एसोसिएशन की योजना है कि इस अभियान से ज्यादातर उलेमा को जोड़ा जाए. मस्जिदों में पेश इमाम इस योजना के फायदे मुस्लिम युवाओं को बताएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम युवा फौज में जाकर रोजगार के साथ मुल्क की सलामती के लिए जनरल अता हसनैन और वीर अब्दुल हमीद के सिलसिले को आगे बढ़ा सकें.
इमाम जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों से यह अपील करेंगे. इमाम मस्जिद में आने वाले नमाजियों को बताएंगे कि वे अपने और रिष्तेदारों के बच्चों को इस सुनहरे मौके की जानकारी दें.
एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स के संरक्षक शाहिद कामरान ने बताया कि एसोसिएशन उलेमा से संपर्क कर रही है, ताकि वे इस योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें और कौम को उसका फायदा मिले. मुस्लिम युवाओं के लिए अग्निपथ किस्मत का दरवाजा खोलने वाली स्कीम साबित होगी.