त्रिपुरा दंगा: मस्जिदों, दुकानों और घरों का पुनर्निर्माण कराएगा जमीयत उलेमा-ए-हिंद

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 01-11-2021
 मस्जिदों, दुकानों और घरों का पुनर्निर्माण कराएगा जमीयत उलेमा-ए-हिंद
मस्जिदों, दुकानों और घरों का पुनर्निर्माण कराएगा जमीयत उलेमा-ए-हिंद

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
 
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीम-उद-दीन कासमी के नेतृत्व में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का एक प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा पहुंचा. यह यहां अशांत क्षेत्रों के दौरे पर है. प्रतिनिधिमंडल के लिए सबसे बड़ी चुनौती दंगा प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचना और व्यक्तिगत रूप से प्रभावित मस्जिदों और मुस्लिम बस्तियों का निरीक्षण करना और वास्तविक सच्चाई को सामने लाने के लिए उनके सबूत इकट्ठा करना है.
 
हाल में मस्जिदों में आगजनी की घटनाएं सामने आई थीं. इसके मद्देनजर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले नरूरा हिल का दौरा किया. नरूरा हिल राजधानी अगरतला से लगभग 30 किमी दूर सिपाही जालम जिले में स्थित है. 23 अक्टूबर 2021 को रात करीब 10 बजे बदमाशों ने मस्जिद में आग लगा दी और यह सिलसिला लगातार नौ दिनों तक चलता रहा.
 
जब प्रतिनिधिमंडल ने यहां पहुंचकर स्थानीय लोगों से बात की तो पता चला कि हिंदू-मुसलमानों में आपसी एकता है, लेकिन बाहर से कुछ बदमाशों ने आकर मस्जिद को अपवित्र किया. आपसी एकता को नुकसान पहुंचाया.इस मौके पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने लोगों को सांत्वना दिया कि उन्हें धैर्य और संकल्प के साथ जीना चाहिए.
 
उन्होंने यह भी घोषणा की कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा यहां क्षतिग्रस्त मस्जिदों, दुकानों और घरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा. बाद में प्रतिनिधिमंडल अगरतला के कृष्णा नगर मस्जिद पहुंचा, जहां बदमाशों ने मस्जिद की खिड़की तोड़ दी थी. उसके बाद चंद्रा मस्जिद का निरीक्षण किया. बदमाशों ने यहां सूअर का मांस फेंका था. पुलिस प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने से दंगों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का अभी तक दौरा नहीं किया गया है.
 
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने त्रिपुरा की स्थिति पर कहा कि जमीयत अफवाहों पर विश्वास नहीं करता है. अफवाह फैलाने वालों को प्रोत्साहित नहीं करता है, इसलिए इन परिस्थितियों में हमने त्रिपुरा में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा है ताकि सच्चाई का पता लगा सके.
 
व्यक्तिगत रूप से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेगा और तस्वीरें और अन्य सबूत प्राप्त करेगा. उन्हें देश के मीडिया और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के सामने रखा जाएगा. जहां आवश्यक होगा कानूनी कार्रवाई की जाएगी.आक्रोश व्यक्त करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि त्रिपुरा में एक जुलूस निकाला गया जिसमें अल्लाह और पैगंबर का अपमान किया गया. इसको लेकर नारे लगाए गए. सरकार इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं किया? ऐसे के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? 
 
मौलाना मदनी ने त्रिपुरा के लोगों से भय, आतंक और निराशा के शिकार न होने की अपील की है. उन्हांेने कहा कि ​​हमें विश्वास है कि देश का न्यायपूर्ण और सतर्क वर्ग, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए आगे आएगा.
 
त्रिपुरा के दौरे पर गए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल में महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के आयोजक मौलाना गयूर अहमद कासमी, मौलाना मुहम्मद शामिल शामिल हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के त्रिपुरा प्रांत के अध्यक्ष यासीन जाहजी,  त्रिपुरा के मुफ्ती अब्दुल मोमिन, मौलाना सिराजुद्दीन अहमद कार्यालय सचिव जमीयत उलेमा त्रिपुरा, मौलाना जाकिर हुसैन प्रेस सचिव जमीयत उलेमा त्रिपुरा, मौलाना कमाल हुसैन अध्यक्ष जमीयत उलेमा जिला बशलगढ़ और इमाम मस्जिद नरौरा तेला, मौलाना अनीस-उर-रहमान सचिव जमीयत उलेमा बसलगढ़ जिला भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं.