ओंटारियो
सात औद्योगिक लोकतंत्रों के समूह (जी7) के शीर्ष राजनयिक ऐसे समय में दक्षिणी ओंटारियो में एकजुट हो रहे हैं जब अमेरिका और कनाडा जैसे उसके पारंपरिक सहयोगी देशों के बीच रक्षा खर्च, व्यापार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा संघर्षविराम योजना तथा रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के प्रयासों को लेकर तनाव बढ़ गया है।
कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने कहा, ‘‘व्यापार से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद यह संबंध विभिन्न मुद्दों पर जारी रहना चाहिए।” वह मंगलवार और बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली तथा जापान के अपने समकक्षों की मेजबानी करने की तैयारी कर रही हैं।
आनंद ने ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, भारत, सऊदी अरब, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों को भी आमंत्रित किया है।
उन्होंने कहा कि मंगलवार रात की चर्चाओं का प्रमुख मुद्दा पश्चिम एशिया में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता को आगे बढ़ाना होगा। आनंद ने कहा, ‘‘शांति योजना को बनाए रखना अनिवार्य है।’’
राजनयिक बुधवार को यूक्रेन के विदेश मंत्री से मिलेंगे। ब्रिटेन ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए 1.7 करोड़ डॉलर की सहायता देगा। यह धनराशि बिजली, हीटिंग और पानी की आपूर्ति की मरम्मत और मानवीय सहायता के लिए खर्च की जाएगी।
कनाडा इस वर्ष जी7 की मेजबानी अमेरिका के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के बीच कर रहा है। ट्रंप की ओर से कनाडाई आयात पर लगाए गए शुल्क (टैरिफ) के कारण दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। लेकिन अब पूरा जी7 समूह ट्रंप की व्यापार नीतियों और वैश्विक संघर्षों को रोकने के प्रस्तावों को लेकर अस्थिरता का सामना कर रहा है।
मुख्य विवाद का विषय रक्षा खर्च है। जापान को छोड़कर सभी जी7 देश उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य हैं और ट्रंप ने गठबंधन देशों से अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पांच प्रतिशत ही रक्षा पर खर्च करने का अग्रह किया है। कुछ देशों ने इस पर सहमति दे दी है लेकिन कनाडा और इटली अब भी इस लक्ष्य से दूर हैं।
इजराइल-हमास युद्ध को लेकर भी जी7 देशों में मतभेद हैं। ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस ने घोषणा की है कि वे संघर्ष समाप्त होने से पहले ही फलस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता दे देंगे। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले में अधिकांश जी7 सदस्य ट्रंप की तुलना में रूस पर अधिक कड़ा रुख रखते हैं।
यह दो दिवसीय बैठक लेक ओंटारियो के किनारे नायग्रा-ऑन-द-लेक में हो रही है, जो अमेरिकी सीमा के निकट है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब ट्रंप ने कनाडा के साथ व्यापार वार्ता समाप्त कर दी है।