नई दिल्ली. संसद के चल रहे मानसून सत्र के बीच, गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें यह तय करने की आवश्यकता है कि क्या वे चाहते हैं चर्चा करें या हंगामा करें.
उन्होंने आगे कहा कि संसद की कार्यवाही में बाधा डालना लोकतंत्र का अपमान है. उन्होंने कहा, “टीएमसी को यह तय करने की जरूरत है कि वे चर्चा करना चाहते हैं या हंगामा करना चाहते हैं. सदन की कार्यवाही को रोकने का प्रयास लोकतंत्र का अपमान है.”
19 जुलाई को मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष का विरोध हो रहा है.
विपक्षी दलों के हंगामे के बीच मानसून सत्र एक तूफानी नोट पर शुरू हुआ, जिन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में नव-शामिल केंद्रीय मंत्रियों को पेश करने की अनुमति नहीं दी.
इसके बाद के सत्रों में, विपक्षी नेताओं ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और पेगासस मुद्दे की जांच सहित अपनी मांगों पर हंगामा किया, जिसके बाद बार-बार स्थगन हुआ.
उन्होंने कहा, “इस बार का संसद सत्र लगभग हंगामेदार हो गया है. विपक्ष लगातार पेगासस मुद्दे या किसी अन्य मुद्दे को लेकर सरकार को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है. जहां तक टीएमसी का सवाल है, वे हाउस में हर दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर सरकार को निशाना बनाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि ‘सदन की मर्यादा’ बनाए रखते हुए चर्चा के लिए तैयार है.
राज्य मंत्री ने कहा, “सदन की गरिमा को बनाए रखते हुए, अगर कोई किसी मुद्दे पर चर्चा करना चाहता है, तो सदन तैयार है. यह सरकार द्वारा बार-बार कहा गया है.”
किसानों के विरोध, पेगासस स्पाईवेयर, कोविड-19 और महंगाई समेत कई मुद्दों पर विपक्ष द्वारा लगातार किए जा रहे हंगामे से संसद के दोनों सदनों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित रहा.
सूत्रों के अनुसार पिछले तीन सप्ताह से जारी व्यवधानों के कारण कुल उपलब्ध समय 78 घंटे 30 मिनट में से कुल 60 घंटे 28 मिनट का समय नष्ट हो गया है.