धर्मशाला. धर्मशाला स्थित 17वीं निर्वासित तिब्बती संसद के नवनिर्वाचित सदस्यों ने बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया.
सबसे पहले, सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक दावा त्सेरिंग ने मुख्य न्यायाधीश आयुक्त, सोनम डागपो के सामने प्रोटेम@अंतरिम अध्यक्ष के रूप में शपथ ली और फिर अन्य सांसदों ने उनका अनुसरण किया.
सभी कार्यवाही को इन हाउस रखा गया और उन्होंने किसी भी मीडिया को कोविड-19प्रोटोकॉल के कारण शपथ समारोह को कवर करने की अनुमति नहीं दी.
एक सांसद डोल्मा सेरिंग ने कहा, “बहुत उत्साह है, हमारे पास बहुत सारे नए लोग हैं, नए जोश और नई महत्वाकांक्षा के साथ नए चेहरे और एक नई दृष्टि है. इसलिए हम उनके साथ काम करने और समुदाय के प्रति उनके योगदान की उम्मीद कर रहे हैं.”
एक अन्य सांसद मग्यूर दोरजी ने कहा, “आज शपथ ग्रहण का दिन है और हमने चार्टर 47के तहत अपनी शपथ ली है और विवरण बहुत जल्द सामने आएंगे. कोविड प्रोटोकॉल के कारण सब कुछ इनडोर है और हमें निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा. हिमाचल प्रदेश सरकार और हम इसका सख्ती से पालन कर रहे हैं.”
निर्वासित तिब्बती संसद के एक नए सदस्य लोबसांग कहते हैं, “मुझे आज बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि मैं अंतरिम अध्यक्ष के सामने शपथ लेने में सक्षम था और मेरा उद्देश्य प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ के रूप में देखना है ... एक प्रौद्योगिकीविद् के रूप में. मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे मैं संसद में ला सकता हूं. सब कुछ इनडोर है और प्रत्येक कमरे में पांच से अधिक सदस्य नहीं हैं और हम कोविड-19प्रोटोकॉल के मानदंडों का पालन कर रहे हैं.”
सभी सदस्यों के आज बाद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करने की भी उम्मीद है.
स्पीकर के चुनाव में डोल्मा सेरिंग और सोनम टेम्पेल चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि चार उम्मीदवार नामग्याल डोलकर, युदोन औकात्सांग, मिग्यूर दोरजी और कर्मा गेलेक डिप्टी स्पीकर की दौड़ में भाग ले रहे हैं.
पेन्पा त्सेरिंग निर्वासित तिब्बती सरकार के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं.
तिब्बत पर बीजिंग स्थित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार का शासन है, जिसमें स्थानीय निर्णय लेने की शक्ति चीनी पार्टी के अधिकारियों के हाथों में केंद्रित है.
1950में चीन के आक्रमण से पहले तिब्बत एक संप्रभु राज्य था जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने उत्तरी तिब्बत में प्रवेश किया.