राजस्थानः अगले एक साल में लगेंगे 30 लाख नल कनेक्शन

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 27-04-2021
संकटः राजस्थान में जल संकट एक स्थायी समस्या है (फाइल फोटो)
संकटः राजस्थान में जल संकट एक स्थायी समस्या है (फाइल फोटो)

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

राजस्थान को पानी की कमी वाले राज्यों में गिना जाता है और अमूमन राज्य की तस्वीरों में माथे पर घड़े रखकर दूर से पानी लाती महिलाएं दिख जाती हैं. अब इस स्थिति को बदलने की कोशिश की जा रही है.

हालांकि, राज्य के विभिन्न हिस्सों में वसुंधरा राजे के कार्यकाल में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना चलाई गई थी और उसका बहुत अधिक असर दिखा भी था और राज्य के विभिन्न इलाकों में चेक डैम वगैरह भी बनाए गए थे. 

लेकिन अब राजस्थान घरों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना की शुरुआत कर रहा है. केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण घरों में नल के पानी का कनेक्शन प्रदान करने की खातिर अशोक गहलोत सरकार ने अगले एक साल, यानी मार्च, 2022 तक 30 लाख नल कनेक्शन लगाने का फैसला किया है. सूबे में 2024 तक हर घर में नल के पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य भी तय किया गया है.

गौरतलब है कि राजस्थान में 1.01 करोड़ ग्रामीण घर हैं जिनमें से 19.61 लाख यानी 19.3 फीसद घरों में नल के पानी का कनेक्शन मौजूद है. पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 में ग्रामीण इलाकों में करीब 6.77 लाख नल के नए कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं.

असल में, जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में 2024 तक नल का पानी उपलब्ध कराना है.

राजस्थान को पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में, इस मद में 2,522 करोड़ रुपये का आवंटन हासिल हुआ था और मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी 2021-22 में राज्य को जल जीवन मिशन के तहत 5,500 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है.

राजस्थान सरकार के मुताबिक, जल जीवन मिशन के पाइप जलापूर्ति शुरू होने तक, यानी काम जारी रहने की दशा में राज्य सरकार, पीने और खाना पकाने के लिए पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अंतरिम उपाय कर रही है और इसके तहत उन क्षेत्रों में सामुदायिक जल उपचार संयंत्र स्थापित करेगी.

जल जीवन मिशन के तहत स्थानीय समुदायों को पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए फील्ड टेस्ट किट की समय पर खरीद और समुदाय को उसकी आपूर्ति, सामुदायिक सहभागिता के लिए हर गांव में कम से कम पांच महिलाओं की पहचान, महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करने का प्रशिक्षण देने और जांच के परिणाम के निष्कर्ष बताने के लिए प्रशिक्षित करेगी.