मुसलमानों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत , आगे आएं उलेमा : एसवाई कुरैशी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-11-2021
 एसवाई कुरैशी
एसवाई कुरैशी

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी ने कहा, मुस्लिम समुदाय में परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है. उमेमा को इस बारे में प्रमुख भूमिका निभानी होगी.श्री कुरैशी ने कहा ‘‘देश में मुस्लिम आबादी के बारे में सांप्रदायिक तत्व अपने राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दुष्प्रचार कर रहे हैं, जबकि जनसंख्या का मुद्दा हिंदू-मुस्लिम का बिल्कुल नहीं है. इस संबंध में कई सर्वेक्षण और आंकड़े मौजूद हैं.

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बेंगलुरू सुरक्षा संविधान समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान पूर्व मंत्री डॉ के रहमान खान और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमेश कुमार भी मौजूद थे. कार्यक्रम में पॉपुलेशन मेथ‘ पुस्तक लॉन्च किया गया.

इस दौरान पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ एसवाई कुरैशी ने कहा, ‘‘भारत धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि यहां हिंदू धर्मनिरपेक्ष हैं. संविधान सभा में 83प्रतिशत हिंदू थे, जिन्होंने सर्वसम्मति से भारत को धर्मनिरपेक्ष कहा. डॉ एसवाई कुरैशी ने कहा कि सांप्रदायिक तत्व दुष्प्रचार कर रहे हैं.

राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए देश की मुस्लिम आबादी को मुद्दा बनाया जा रहा है. जबकि वास्तविकता यह है कि जनसंख्या समस्या हिंदू-मुस्लिम बिल्कुल नहीं है. उन्होंने इस संबंध में सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आंकड़े प्रस्तुत किए.

डॉ. एसवाई कुरैशी ने कहा कि इस्लाम परिवार नियोजन के खिलाफ नहीं है, बल्कि परिवार नियोजन के मामले में 14सौ साल पहले पैगंबर मोहम्मद के समय से, हमें स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि युवा लोगों को विवाह की जिम्मेदारी तभी स्वीकार करनी चाहिए जब वे ऐसा करने के लायक हों, अन्यथा उन्हें इन इच्छाओं को दबाने के लिए उपवास करना चाहिए.

डॉ. कुरैशी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय में परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता बढ़ाने में धार्मिक विद्वानों को प्रमुख भूमिका निभानी होगी.