देवबंद: जमीयत उलमा-ए-हिंद ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की याचिका पर सख्त नाराजगी जताई है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट से रिजवी की याचिका खारिज करने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कुरान शरीफ की 26आयतों को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला करा देकर उसे हटाने की मांग की थी.
इस संदर्भ में जमीयत उलमा ए हिंद (महमूद मदनी गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी और महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने संयुक्त बयान में कहा कि कुरान करीम से 26आयतों को हटाने के संबंध में दायर याचिका जनहित के लिए बेहद हानिकारक है. इससे देश की सुख शांति और व्यवस्था को भयंकर खतरा है.
उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान मुसलमानों के लिए मार्गदर्शक और श्रद्धा की सर्वश्रेष्ठ प्रथम पुस्तक है. पूरा इस्लाम धर्म इस पर स्थापित है.
उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने सभी धर्मों की किताबों व मान्यताओं को सम्मान देने के साथ अपने धर्म का पालन करने का अधिकार दिया है. भारतीय संविधान ने अदालतों के अधिकार क्षेत्र की जो सीमा निर्धारित की है, कुरान पाक और तमाम धार्मिक पवित्र किताबें उससे बाहर हैं. इसलिए प्रबुद्ध नागरिक होने के हम नाते सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हैं कि रिजवी की याचिका पहली सुनवाई में खारिज कर दी जाए.
रिजवी के खिलाफ प्रदर्शन आज
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कुरआन की 26 आयतों को हटाने के संबंध में दायर याचिका को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद (महमूद मदनी गुट) शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद वसीम रिजवी के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। जमीयत के तहसील यूनिट के अध्यक्ष मौलाना इरफान ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर यह प्रदर्शन होगा. जुमा की नमाज के बाद नगर के सरसटा बाजार स्थित जामा मस्जिद पर लोग एकत्र होंगे, जहां से प्रदर्शन करते हुए दारुल उलूम चैक व मोहल्ला खानकाह होते हुए ईदगाह मैदान पहुंचेंगे. राष्ट्रपति के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा.