The court expressed concern over threats being received by BLOs.
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल एवं अन्य राज्यों में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दूसरे चरण में जुटे बीएलओ और अन्य अधिकारियों को ‘धमकी’ दिए जाने के मामले को मंगलवार को गंभीरता से लिया और निर्वाचन आयोग से कहा कि वह ऐसी घटनाओं को शीर्ष अदलात के संज्ञान लाएं, नहीं तो अराजकता फैल जाएगी।
भारत के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आयोग से मतदाता सूची की एसआईआर प्रक्रिया के कार्य में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सहयोग की कमी को गंभीरता से लेने को कहा।
पीठ ने आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा, “बीएलओ के काम में सहयोग की कमी और बाधाओं के मामले हमारे संज्ञान में लाएं, हम उचित आदेश पारित करेंगे।”
द्विवेदी ने कहा कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो आयोग के पास राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली पुलिस को अपने अधीन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।