उतरने लगा होली का खुमार, चढ़ने लगी शब-ए-बरात की रौनक

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 18-03-2022
उतरने लगा होली का खुमार, चढ़ने लगी शब-ए-बरात की रौनक
उतरने लगा होली का खुमार, चढ़ने लगी शब-ए-बरात की रौनक

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
 
देश के लिए शुक्रवार वास्तव में खूबसूरत दिन है. एक ही दिन होली और शब-ए-बरात मनाई जा रही है. आज ही जुम्मे की सामूहिक नमाज भी हुई. समय बीतने के साथ जहां होली का खुमार उतर रहा है, वहीं शब-ए-बरात की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं.

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह हमारे देश की सुंदरता है जिसे लोग मनाते हैं सभी त्योहार.प्रयागराज में अपने आवास पर रंग खेल रहे नकवी ने बताया, ‘‘यह एक भारत श्रेष्ठ भारत है. आज शब-ए-बरात भी है.
 
हमारे देश की सुंदरता यह है कि हम सभी त्योहार मनाते हैं.‘‘ शब-ए-बरात, जिसे ‘क्षमा की रात‘ के रूप में भी जाना जाता है, इस्लामी कैलेंडर में आठवें महीने शाबान की 14 वीं और 15 वीं रात के बीच मनाया जाता है.
 इस साल, इस शुभ मुस्लिम त्योहार का उत्सव 18 मार्च की शाम को शुरू होगा और 19 मार्च की शाम को समाप्त होगा.
 
यह अवसर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अजरबैजान, तुर्की और मध्य एशिया सहित उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और किर्गिस्तान सहित पूरे दक्षिण एशिया में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.
 
होली देश में वसंत फसल के मौसम के आगमन का प्रतीक है. लोग ‘होली है‘ के नारे के साथ के साथ मिठाइयाँ, ठंडाई और रंगीन पाउडर, पानी और गुब्बारों के छींटे मारकर मनाते हैं. कोरोना आफत के दो साल के बाद इस बार पहली दफा होली और शब-ए-बरात जमकर मनाई जा रही है.
 
2 साल बाद वापस लौटे जिंदगी के रंग

केजरीवाल सरकार द्वारा साहित्य कला परिषद् के सौजन्य से शुक्रवार को निजामुद्दीन स्थित सुंदर नर्सरी में होली के उपलक्ष्य में रंगोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि होली चेहरे पर मुस्कराहट लाने का उत्सव है और लोगों को खुशियों के रंगों को पूरे जोश के साथ एक-दूसरे संग बांटने और खेलने का मौका देता है.
 
दरअसल,कोरोना के मुश्किल दौर से निकलने के बाद अब जब 2 साल बाद जिन्दगी के रंग वापिस आ रहे है तो सभी खुलकर होली मना रहे हैं. 2 साल बाद जब जिन्दगी दोबारा पटरी पर लौटने लगी है तो होली के साथ उसका स्वागत करने से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है.
 
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, कोरोना के लंबे समय बाद जब सब सामान्य हो रहा है, मुश्किल दौर से निकल कर लोग मुस्कुराना चाहते है रंगों में डूब जाना चाहते है , तो मैं भगवन से प्रार्थना करता हूँ कि सभी दिल्लीवासी-देशवासियों के चेहरे पर ये मुस्कान ऐसी ही बनी रहे और ऐसा बेरंग दौर दोबारा न लौटे.
 
भारत की खासियत है कि यहां सभी होली के रंग में रंगते हैं. होली सभी के अंदर जाति-धर्म के झगडे, अहंकार आदि को मिटाकर एक रंग में रंग देती है.
 
दरअसल,सरकार के कला संस्कृति एवं भाषा विभाग द्वारा आयोजित इस रंगोत्सव कार्यक्रम में कठपुतली शो ने सभी का जमकर मनोरंजन किया. कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य और लोकसंगीत ने विविधता में एकता का संदेश दिया, जबकि ब्रज की लठमार होली और फूलों की होली ने भी कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए.
 
शिवराज रंगे होली के रंग 

उधर, मध्य प्रदेश में रंगों का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. हर तरफ रंग-गुलाल का बोलबाला है तेा हुरियारों की टोलियां धमाल मचाए हुए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के निवास पर भी खूब होली का रंग-अबीर और गुलाल उड़ा. चैहान भी इस मौके पर नाचने गाने में पीछे नहीं रहे.
 
कोरोना महामारी के कारण बीते दो सालों से होली का पर्व उत्साह और उमंग से दूर था. इस बार कोरोना नियंत्रित है और सारे प्रतिबंध हटाए जा चुके है, यही कारण है कि हर तरफ होली नजर आ रही है. जगह-जगह टोलियां होली मनाते घूम रही है तो लेाग एक दूसरे को रंगने में पीछे नहीं है.
 
मुाख्यमंत्री चैहान का निवास तो पूरी तरह होली मय है. यहां हर कोई रंग-गुलाल से सराबोर नजर आया तो एक दूसरे पर फूलों से लेकर गुलाल की बारिश का दौर चला. मुख्यमंत्री अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ लोगों के साथ होली मनाने मे पीछे नहीं रहे.
 
इस मौके पर मुख्यमंत्री चैहान ने सभी को पर्व के शुभकामनाएं देते हुए गीत गाया तो लोगों के साथ ठुमके भी लगाए. चैहान ने इस मौके पर मोरी बहू हिरानी है, ओ भैया मिले तो बता दईयो, जैसा बुंदेली गीत गाया तो वहां मौजूद हर कोई थिरकने लगा.
 
शब-ए-बरात की तैयारियां अंति चरणों में

इस बीच मुसलमानों के घरों में शब-ए-बरात को लेकर तैयारियां अंतिम चरणों में हैं. इस मौके पर अधिकांश मुस्लिम घरों में हलवा और अच्छा पकवान पकता है. उसके बाद रात की इबादत की तैयारियां शुरू हो जाती हैं.
 
घरों और इलाके की मस्जिदों मंे लोग रातभर इबादत करते हैं और अपनी गुनाहों की दुआ मांगते हैं. उसके अलगे दिन रोजा रखा जाता है. कई लोग अपने घरों को दीवाली की तरह रोशनी से सजाते हैं. सुबह मंे साफ-सफाई का दौर चलता है. शब-ए-बरात पर लोग अपने लोगों की दुआ मगफिरत के लिए कब्रिस्तान भी