अफगानिस्तान क्राइसिस में सफलता की कहानी गढ़ने वाली वायु सेना की सी-17 आज तड़के युद्ध क्षेत्र के लिए रवाना

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 02-03-2022
अफगानिस्तान क्राइसिस में सफलता की कहानी गढ़ने वाली वायु सेना की सी-17 आज तड़के युद्ध क्षेत्र के लिए रवाना
अफगानिस्तान क्राइसिस में सफलता की कहानी गढ़ने वाली वायु सेना की सी-17 आज तड़के युद्ध क्षेत्र के लिए रवाना

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के सरकार के प्रयासों को तेज करते हुए, भारतीय वायु सेना का सी-17 परिवहन विमान बुधवार सुबह तड़के रोमानिया के लिए रवाना हो गया. बता दें कि यह वही विमान है, जब पिछले साल तालिबान के अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद वहां फंसे भारतीयों को निकालने में अहम किरदार निभाया था.

विमान ने सुबह करीब 4 बजे हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी. यह उड़ान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी के प्रयासों की समीक्षा के लिए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता के बाद सामने आई है. भारतीय वायु सेना को ऑपरेशन गंगा के तहत निकासी प्रयासों में शामिल किया गया है.
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सूत्रों ने कहा कि वायु सेना की क्षमताओं का लाभ उठाने से यह सुनिश्चित होगा कि कम समय में अधिक लोगों को निकाला जा सकेगा. वायु सेना मानवीय सहायता को अधिक कुशलता से अंजाम देती है.
 
रूस की सेनाओं द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने के बाद, भारत सरकार ने संघर्षग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा‘ शुरू किया है. ‘ऑपरेशन गंगा‘ मिशन के तहत विशेष उड़ानें निःशुल्क संचालित की जा रही हैं. यूक्रेन में फंसे 219 भारतीय नागरिकों को लेकर इस तरह की पहली निकासी उड़ान 26 फरवरी को मुंबई में उतरी. इस तरह की कई उड़ानें अब तक देश में उतर चुकी हैं.
 
पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया के साथ सीमा पार करने वाले बिंदुओं के माध्यम से भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए 7 नियंत्रण केंद्र स्थापित किए गए हैं. मोल्दोवा के माध्यम से एक नया मार्ग खोला गया है. एक विदेश मंत्रालय की टीम भी अब वहां मौजूद है . टीम रोमानिया के रास्ते भारतीयों को निकालने में मदद करेगी.
 
ऑपरेशन गंगा की सहायता के लिए एक समर्पित ट्विटर अकाउंट स्थापित किया गया है. कीव में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को सीमा चौकियों पर सरकारी अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकियों पर जाने के खिलाफ सलाह दी है.
 
निकासी के प्रयासों को सक्रिय करने के लिए, भारत सरकार ने चार विशेष दूत नियुक्त किए हैं, जो यूक्रेन के पड़ोसी देशों में फंसे भारतीयों के निकासी कार्यों की निगरानी करेंगे. केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी हंगरी में निकासी प्रयासों की देखरेख करेंगे, स्लोवाकिया में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, पोलैंड में जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह, जबकि नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया जा रहे हैं और मोल्दोवा भी जाएंगे.
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यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत चल रहे प्रयासों की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक कई बैठकें कर चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि भारत पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के उन लोगों की मदद करेगा जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं और मदद मांग सकते हैं.
 
इस बीच, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को बताया कि सभी भारतीय नागरिक कीव छोड़ चुके हैं और यूक्रेन में अब तक करीब 60 फीसदी भारतीय देश छोड़कर जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में अनुमानित 20,000 भारतीय नागरिकों में से 60 प्रतिशत ने सरकार द्वारा पहली सलाह जारी किए जाने के बाद से देश छोड़ दिया है.