लखनऊ/कानपुर
लाल किला विस्फोट मामले में गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। बुधवार को उनकी गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए शाहीन के बड़े भाई मोहम्मद शोएब ने कहा कि परिवार अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि उनकी बहन किसी भी तरह की आतंकवादी या गैरकानूनी गतिविधि में शामिल हो सकती है।
शोएब ने बताया कि आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और पुलिस के अधिकारी उनके घर पहुँचे थे, लेकिन उन्होंने परिवार के साथ पूरी गरिमा और शालीनता से व्यवहार किया।
उन्होंने कहा, “उन्होंने घर की तलाशी ली और सामान्य सवाल पूछे — कोई दुर्व्यवहार या दबाव नहीं डाला। उन्होंने बस यह जाना चाहा कि मेरी बहन ने परिवार से संपर्क कब बंद किया।”
शोएब ने बताया कि पिछले चार वर्षों से उनका और शाहीन का कोई संपर्क नहीं था।उन्होंने कहा, “हमारी आख़िरी बातचीत चार साल पहले हुई थी। माता-पिता बीच-बीच में उसका हालचाल पूछ लेते थे। एक भाई के तौर पर मुझे उसकी चिंता होना स्वाभाविक है।”
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें शाहीन के लखनऊ स्थित घर के बारे में केवल इतना पता था कि वह आईआईएम रोड के आसपास है, लेकिन सही पता उन्हें नहीं मालूम था।शोएब ने दृढ़ता से कहा, “मेडिकल की पढ़ाई के दौरान भी उसने कभी कोई संदिग्ध व्यवहार नहीं किया। इन आरोपों पर मुझे आज भी यक़ीन नहीं हो रहा है।”
शाहीन के पूर्व पति डॉ. ज़फ़र हयात, जो पेशे से नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं, ने कानपुर में ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा कि उन्हें शाहीन के इस मामले में फँसे होने की जानकारी मंगलवार शाम को ही मिली।
उन्होंने बताया कि दोनों की शादी नवंबर 2003 में हुई थी और तलाक 2012 के अंत में हो गया था।डॉ. हयात ने कहा, “हमारे बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ। वह एक स्नेहमयी, समझदार और देखभाल करने वाली इंसान थी। मुझे कभी अंदाज़ा नहीं था कि वह ऐसी किसी गतिविधि में शामिल हो सकती है।”
उन्होंने बताया कि शाहीन ने शादी के समय की रस्मों को छोड़कर कभी बुर्क़ा नहीं पहना था।“मैंने उसे कभी बुर्क़े में नहीं देखा। तलाक के बाद से हमारा कोई संपर्क नहीं रहा,” उन्होंने कहा।
डॉ. हयात ने यह भी बताया कि शाहीन अक्सर बेहतर अवसरों और जीवनस्तर की तलाश में विदेश (ऑस्ट्रेलिया या यूरोप) जाने की इच्छा व्यक्त करती थीं।उन्होंने कहा,“लेकिन मैंने उससे कहा था कि यहाँ हमारी अच्छी नौकरियाँ हैं, बच्चे हैं और रिश्तेदार हैं — हमें विदेश में अकेलापन महसूस होगा.”
शाहीन के पिता सैयद अहमद अंसारी ने भी अपनी बेटी की कथित संलिप्तता पर अविश्वास जताया। उन्होंने कहा, “मैंने शाहीन से लगभग एक महीने पहले बात की थी। उसने कभी भी किसी डॉ. मुज़म्मिल या ऐसी गतिविधियों का ज़िक्र नहीं किया।”उन्होंने बताया कि शाहीन ने प्रयागराज से मेडिकल की पढ़ाई पूरी की थी।
जाँच एजेंसियों के अनुसार, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ी डॉ. शाहीन शाहिद को सोमवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद गिरफ्तार किया गया।
पुलिस का कहना है कि वह उसी विश्वविद्यालय के एक अन्य संकाय सदस्य डॉ. मुज़म्मिल गनई से जुड़ी थीं, जिन पर जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े “सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल” का हिस्सा होने का आरोप है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह मॉड्यूल कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला था। अब तक की कार्रवाई में लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए हैं और तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।जाँचकर्ताओं का दावा है कि शाहीन भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला भर्ती शाखा ‘जमात-उल-मोमिनात’ का नेतृत्व कर रही थीं।
लाल किले के पास हुए इस विस्फोट की जाँच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई है।इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।