इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध विराम पर सभी देशों का शुक्रियाः भारत-फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी फोरम

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 23-05-2021
भारत-फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी फोरम की वर्चुअल बैठक
भारत-फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी फोरम की वर्चुअल बैठक

 

सेराज अनवर / पटना

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष विराम होने के बाद हालात का जायजा लेने के लिए भारत-फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी फोरम के बिहार चैप्टर की एक वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें फोरम के बिहार चैप्टर अध्यक्ष संतोष उपाध्याय ने संघर्ष विराम के लिए कोशिश करने वाले सभी पक्षों और का शुक्रिया अदा किया.

संतोष उपाध्याय ने कहा कि हालांकि अमरिकी राष्ट्रपति बाइडन शुरू में बहक गए थे और उन्होंने इजराइल को एक बड़ी मदद देने का ऐलान भी कर दिया था, लेकिन बहुत सारे सांसदों के दबाव के बाद उन्होंने अपना स्टैंड बदला और इजराइल पर संघर्ष विराम के लिए प्रेशर बनाया.

संतोष उपाध्याय ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के बार-बार प्रेशर बनाने के बाद भी नेतन्याहू ने संघर्ष विराम करने की बात को टाला, इससे साफ जाहिर हो जाता है कि नेतन्याहू अपने ऊपर शुरू हुए भ्रष्टाचार के मुकदमों से अपने देश के लोगों का ध्यान हटाने एवं अपनी अस्थिर सरकार को किसी तरह लंबा खींच लेने के लिए हिंसा का माहौल बनाए रखना चाहते थे.

संतोष उपाध्याय ने कहा कि अमेरिका और इजरायल की जनता ने इस बार जितना इस लड़ाई का विरोध किया है, इतना पहले इतिहास में कभी नहीं किया. उन्होंने बताया कि अमरिकी सांसद ग्रेगरी जो अमरिकी संसद में इजरायल के सबसे बड़े पक्षधर रहे हैं, उन्होंने भी इस बार अमेरिका द्वारा हथियार की मदद दिए जाने का विरोध किया. इसके अलावा इजरायल के अंदर भी बहुत सारे मानव अधिकार और राजनीतिक ग्रुप ने इस लड़ाई का विरोध किया, जिससे पता चलता है कि नेतन्याहू द्वारा थोपी गई इस लड़ाई का कोई भी पक्षधर नहीं था.

उन्होंने कहा कि भारत फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी फोरम ने पहले भी कहा था कि नेतन्याहू सिर्फ अपने भ्रष्टाचार पर लगे आरोपों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इतनी बड़ी हिंसा फैला रहे हैं और एक झूठे राष्ट्रवाद का माहौल बनाकर लोगों के दिमाग से खेलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अमेरिका की जनता और इजरायल की जनता ने इस बात को समझा.

फोरम के महासचिव मोहम्मद काशिफ यूनुस, अधिवक्ता ने विशेष तौर पर अमेरिका की डेमोक्रेट सांसद एलेग्जेंडरिया और रशीदा का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने इस संघर्ष विराम को करवाने की पूरी तरह ना सिर्फ वकालत की बल्कि फिलिस्तीन का पूरा समर्थन भी किया और इन दो महिलाओं के आगे अमरीकी राष्ट्रपति को घुटने टेकने पड़े. काशिफ यूनुस ने कहा कि रशीदा और एलेग्जेंडरिया ने अपनी राजनीतिक सूझबूझ का प्रदर्शन करते हुए जो उदाहरण कायम किया है, यह अपने आप में अतुलनीय है.

फोरम की तरफ से जारी किए गए एक बयान में मिस्र के राष्ट्रपति का भी शुक्रिया अदा किया गया, जिन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संघर्ष विराम का प्रस्ताव लाया. अमेरिका के अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य इस संघर्ष विराम के लिए राजी हुए, जिससे पता चलता है कि दुनिया का हर समझदार देश यह समझ चुका है कि आज दुनिया जिस आर्थिक संकट से गुजर रही है। ऐसे में युद्ध एक बहुत बड़ी बेवकूफी है। फोरम ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उन 28 सांसदों का भी शुक्रिया किया, जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर चिट्ठी लिखकर संघर्षविराम की अपील की. इस बैठक में हसीब नशाशिबी, नसीब हल्लाक और डॉ. सुनीलम भी शामिल हुए.