89वां वायुसेना दिवसः 1971 के युद्धनायकों को श्रद्धांजलि, आसमान में दिखा ‘सशक्त भारत’

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-10-2021
1971 के युद्ध नायकों दी गई श्रद्धांजलि, आसमान में दिखा ‘सशक्त भारत’
1971 के युद्ध नायकों दी गई श्रद्धांजलि, आसमान में दिखा ‘सशक्त भारत’

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
 
भारतीय वायु सेना ने अपने 89 वें स्थापना दिवस पर जहां स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर 1971 के युद्ध नायकांे कोे याद किया, वहींआकाश में वायु सेना ने दुनिया को ‘सशक्त भारत’ होने का भी ऐहसास कराया.
 
वायु सेना के 89 दिवस पर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन वायु सेना स्टेशन में समारोह आयोजित किया जा रहा है. इस दौरान वायु सेना प्रमुख और तीन सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं.रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘विभिन्न विमानों द्वारा एक शानदार हवाई प्रदर्शन, वायु सेना दिवस परेड-सह-निवेश समारोह की पहचान वायु सेना स्टेशन हिंडन (गाजियाबाद) में आयोजित किया जा रहा है.‘‘
 
हवाई प्रदर्शन की शुरुआत प्रसिद्ध आकाश गंगा टीम के वजवाहक स्काईडाइवर्स के साथ सुबह 08.00 बजे रंगीन छतरियों में एएन-32 विमान से बाहर निकलने के साथ हुई. फ्लाईपास्ट में हेरिटेज विमान, आधुनिक परिवहन विमान और फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान शामिल किए गए हैं. समारोह का समापन  10ः52 बजे मंत्रमुग्ध कर देने वाले एरोबेटिक डिस्प्ले के साथ होगा.
 
8 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है स्थापना दिवस ?

भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी. तब से इसने कई महत्वपूर्ण युद्धों और ऐतिहासिक अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आधिकारिक तौर पर ब्रिटिश साम्राज्य की सहायक वायु सेना के रूप में स्थापित, बल ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत की विमानन सेवा को उपसर्ग रॉयल के साथ सम्मानित किया.
 
1947 में अंग्रेजों से भारत की आजादी के बाद, रॉयल इंडियन एयर फोर्स का नाम रखा गया. फिर डोमिनियन ऑफ इंडिया से नामकरण किया गया. तीन साल बाद, 1950 में रॉयल शब्द हटा दिया गया.1950 से अब तक एयर फोर्स पाकिस्तान के साथ चार और चीन के साथ एक युद्ध में शामिल रहा है.
 
वायु सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख ऑपरेशनों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और ऑपरेशन पूमलाई शामिल हैं. एयर फोर्स का मिशन शत्रुतापूर्ण ताकतों के साथ जुड़ाव से परे है, क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भाग लेता है.