तेलंगाना : विधायकों की खरीद-फरोख्त की सीबीआई जांच की मांग को लेकर भाजपा हाईकोर्ट पहुंची

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-10-2022
तेलंगाना : विधायकों की खरीद-फरोख्त की सीबीआई जांच की मांग को लेकर भाजपा हाईकोर्ट पहुंची
तेलंगाना : विधायकों की खरीद-फरोख्त की सीबीआई जांच की मांग को लेकर भाजपा हाईकोर्ट पहुंची

 

हैदराबाद. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के चार विधायकों को कथित तौर पर खरीद-फरोख्त के कथित प्रयास के मामले में एक और नाटकीय मोड़ लेते हुए भाजपा ने गुरुवार को तेलंगाना उच्च न्यायालय का रुख कर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है. टीआरएस ने आरोप लगाया कि उसके विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो भाजपा के थे. इसके बाद भाजपा ने 'निष्पक्ष' जांच के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर मामला केंद्रीय एजेंसी को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की है.

भाजपा ने अपनी याचिका में कहा कि पुलिस जिस तरह से जांच कर रही है, उस पर संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता और निष्पक्ष जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के लिए अंतरिम आदेश देने का अनुरोध भी किया. भाजपा ने मामले में राज्य सरकार, पुलिस महानिदेशक, साइबराबाद पुलिस आयुक्त, अन्य पुलिस अधिकारियों, केंद्र सरकार और सीबीआई को प्रतिवादी बनाया है. भाजपा ने आरोप लगाया कि टीआरएस विधायकों को खरीदने की कोशिश का झूठा आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. साइबराबाद पुलिस ने बुधवार को हैदराबाद के पास मोइनाबाद में एक फार्महाउस से तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जब वह कथित तौर पर टीआरएस के चार विधायकों को भाजपा में शामिल होने के लिए लुभाने की कोशिश कर रहे थे.

विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत पर पुलिस ने दिल्ली के रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, हैदराबाद के नंदा कुमार और तिरुपति के सिम्हायाजी स्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. टीआरएस नेताओं ने आरोप लगाया है कि दोनों धर्मगुरु और व्यवसायी नंद कुमार केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के शीर्ष नेताओं के करीबी हैं.

शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी ने उसे 100 करोड़ रुपये, केंद्र सरकार के सिविल अनुबंध कार्यो और अन्य उच्च केंद्र सरकार के पदों को मौद्रिक लाभ के लिए देने की पेशकश की. रोहित रेड्डी ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने उसे चेतावनी दी थी कि अगर वह भाजपा में शामिल नहीं होता है, तो आपराधिक मामले होंगे और ईडी/सीबीआई द्वारा छापेमारी की जाएगी और टीआरएस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार को गिरा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आरोपियों ने तीन अन्य विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की.

रोहित रेड्डी की सूचना पर साइबराबाद पुलिस फार्महाउस पहुंची और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर कॉल डाटा खंगाल रही है. पुलिस तीनों से अज्ञात स्थान पर पूछताछ कर रही है. गिरफ्तारी ने राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और टीआरएस ने भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप लगाया है.

हालांकि, भाजपा ने आरोपों से इनकार किया है और टीआरएस सरकार को सीबीआई या सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से जांच का आदेश देने की चुनौती दी है.

 

केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि सीएम केसीआर ने बीजेपी को बदनाम करने के लिए नाटक किया और मांग की कि पुलिस मामले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों से जब्त की गई नकदी की राशि का खुलासा करे. इन आरोपों को खारिज करते हुए कि भाजपा ने टीआरएस के चार विधायकों को बड़ी रकम, महत्वपूर्ण पदों और अनुबंधों के साथ लुभाने की कोशिश की, उन्होंने कहा कि भाजपा को चार विधायकों को पार्टी में शामिल करने से कुछ हासिल नहीं होता.उन्होंने कहा, पुलिस यह खुलासा क्यों नहीं कर रही है कि कितना पैसा जब्त किया गया था और यह कहां से आया था.