ताउतेः मुंबई में 273 लोग फंसे, कई पेड़-मकान धराशायी, गुजरात में एक लाख लोग विस्थापित, हवाई अड्डा बंद, उड़ानें डायवर्ट,

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 17-05-2021
मुंबई में कई पेड़ और मकान धराशायी हो गए
मुंबई में कई पेड़ और मकान धराशायी हो गए

 

नई दिल्ली / मुंबई / अहमदाबाद / जयपुर / कराची. मुंबई से करीब 175 किलोमीटर दूर बॉम्बे हाई फील्ड में हीरा ऑयलफील्ड्स के पास एक बहती नौका पर कम से कम 273 लोग फंसे हुए हैं. उनकी ओर से तत्काल मदद की सूचना मिलते ही भारतीय नौसेना ने सहायता प्रदान करने के लिए दो जहाजों आईएनएस कोच्चि और आईएनएस तलवार को मौके पर भेजा है. मुंबई हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है और 3 उड़ानें डायवर्ट की गई हैं. गुजरात के तटीय इलाकों से करीब एक लाख लोगों को बाहर निकाला गया है.

जहाजों के देर दोपहर तक ऑयलफील्ड के पास पहुंचने की उम्मीद है. बचाव के लिए अन्य जहाजों और विमानों को भी वहां जाने के लिए तैयार किया जा रहा है.

ये चक्रवात तौकेते से घिरे क्षेत्र में खोज और बचाव अभियान के लिए जल्द से जल्द मौके पर पहुंचने की कोशिश में हैं.

मुंबई हवाई अड्डा बंद, 3 उड़ानें डायवर्ट

तौकते से उत्पन्न खतरों के कारण सोमवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक 3 घंटे के लिए सभी परिचालन बंद कर दिए हैं.

इससे निजी एयरलाइनों की कम से कम 3 इन-बाउंड उड़ानें कम अशांत स्थानों पर डायवर्ट की गईं. एक स्पाइसजेट सेवा को सूरत के लिए डायवर्ट किया गया. एक इंडिगो की फ्लाइट लखनऊ लौट आई है जबकि एक अन्य इंडिगो सेवा को हैदराबाद के लिए डायवर्ट किया गया है.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि चक्रवात तौकते पर अलर्ट के मद्देनजर सीएसएमआईए को बंद करने की जरूरत थी. वर्तमान में मुंबई से 75-85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर रहा तूफान दक्षिण गुजरात की ओर बढ़ रहा है.

चक्रवात तौकते ने सोमवार को तड़के मुंबई में पूरे जोश के साथ दस्तक दी. इसके साथ भारी बारिश, गरज, बिजली और तेज आंधी आई, जिसने पूरे तटीय क्षेत्र और देश की वाणिज्यिक राजधानी में सामान्य जीवन पर कहर बरपाया.

मुंबई में कई पेड़ धराशायी, घरों को नुकसान

तौकते ने सोमवार को मुंबई में जोरदार तबाही मचाई. करीब 60-75 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार के साथ तेज आंधी ने मुंबई में जोरदार तबाही मचाई जिसमें कई पेड़ टूट गए और कुछ घरों को नुकसान पहुंचा . सड़क पर यातायात बाधित हो गया लेकिन किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है.

इसकी जानकारी अधिकारियों ने दी.

‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान’ के रूप में वर्गीकृत, इसके प्रभाव रविवार-सोमवार की आधी रात के तुरंत बाद महसूस किए गए.

कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई, कुछ स्थानों में गरज और बिजली के साथ तेज हवाएं भी चलीं. उसके बाद यह सिंधुदुर्ग से उत्तर की ओर घूम गया था . अब ये रत्नागिरी रायगढ़-मुंबई की ओर से गुजरात तट के पास पहुंचेगा.

एक अधिकारी ने कहा कि एक बड़े एहतियाती उपाय के तौर पर राज्य के अधिकारियों ने सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी और ठाणे में लगभग 4,000 के अलावा तट के साथ संवेदनशील स्थानों से 7,866 लोगों को पहले ही स्थानांतरित कर दिया है.

सोमवार की सुबह तक, शहर में 8.37 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. पूर्वी उपनगरों में 6.53 मिमी और पश्चिमी उपनगरों में 3.92मिमी बारिश दर्ज की गई. इसने मौसम को काफी हद तक ठंडा कर दिया था, क्योंकि मुंबई का पारा 30-40 डिग्री तक छू रहा था.

मुंबई और ठाणे के अलग-अलग हिस्सों में रात के समय कम से कम 30 बड़े और छोटे पेड़ उखड़ गए और कई घरों को मामूली नुकसान पहुंचा, कई सड़कों पर पानी भर गया.

मौसम विभाग के ताजा चेतावनी बुलेटिन में कहा गया है कि चक्रवात मुंबई तट से करीब 160 किलोमीटर दूर मंडरा रहा था और आज आधी रात तक इसके गुजरात पहुंचने की संभावना है.

इसके साथ 180-190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 210 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं.

मौसम विभाग ने दिन के दौरान मुंबई, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, ठाणे और पालघर में 75-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी दी है और लोगों को बाहर नहीं निकलने के लिए कहा है.

इनके संयुक्त प्रभाव के कारण झागदार अरब सागर में श्अभूतपूर्वश् लहरें उठी हैं . समुद्री लहरें 3 मीटर तक की ऊंचाई तक पहुंच गई हैं . अधिकारियों ने अगले कुछ दिनों के लिए मछली पकड़ने और अन्य समुद्री गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.

गुजरात के तटीय इलाकों से एक लाख लोग विस्थापित

गुजरात में चक्रवात तौकते के मंगलवार सुबह पहुंचने की संभावना के बाद राज्य प्रशासन ने तटीय इलाकों से करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है. तौकते अभी राज्य से करीब 350 किलोमीटर दूर है. शाम करीब 8 से 10 बजे के बीच पोरबंदर से टकराने की संभावना है. गुजरात प्रशासन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार होने का दावा किया है.

राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस), पंकज कुमार ने कहा कि 655 निचले और तटीय क्षेत्रों के 95,485 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

पंकज कुमार ने कहा, “चक्रवात और उसके प्रभाव की संभावना से निपटने के लिए वन विभाग की 240 टीमों को तैनात किया गया है, साथ ही सड़क और भवन (आर एंड बी) विभाग की 242 टीमों को भी तैनात किया गया है.”

कुमार ने कहा, “क्षतिग्रस्त बिजली लाइनों को पुनर्जीवित करने के लिए, बिजली कंपनियों की 661 टीमों को तैनात किया गया है. इसके अलावा, संभावित संकट से निपटने के लिए 388 स्वास्थ्य विभाग की टीमों और 319 राजस्व अधिकारियों की टीमों को भी तैनात किया गया है.”

“राज्य में कुल 41 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) टीमों को तैनात किया गया है और तीन टीमों को रिजर्व में रखा गया है. इसके अलावा, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 10 टीमों को भी तैनात किया गया है.”

कुमार ने बताया, “मौजूदा कोरोना प्रकोप संकट को देखते हुए, 1,383 पावर बैकअप बनाए गए हैं. 161 आईसीयू एम्बुलेंस और 108-एम्बुलेंस में से 576 सेवा में हैं.”

राज्य सरकार ने ऑक्सीजन की जरूरतों को पूरा करने और ऑक्सीजन के आसान परिवहन के लिए 35 ग्रीन कॉरिडोर बनाए हैं. अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए 456 डीवाटरिंग पंपों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

एहतियात के तौर पर तटीय क्षेत्रों के शहरी इलाकों में 2,126 होर्डिग और ग्रामीण इलाकों से 643 होर्डिग हटा दिए गए हैं.

राजस्थान अलर्ट मोड पर

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चक्रवात तौकते पर मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, क्योंकि यह राजस्थान के कुछ जिलों को भी प्रभावित कर रहा है.

गहलोत ने ट्वीट किया, “मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, जयपुर और भरतपुर मंडल चक्रवात से प्रभावित हो सकते हैं. जैसा कि अपेक्षित था, चक्रवात गुजरात के जामनगर को भी प्रभावित कर सकता है, जो राजस्थान के लिए ऑक्सीजन का सबसे बड़ा आपूर्ति स्रोत हैझ इसलिए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सुचारू ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक आपातकालीन योजना बनाएं.”

उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा प्रबंधन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं और वो सभी से चक्रवात से सतर्क रहने की अपील करते हैं.

गहलोत ने आगे कहा कि अस्पतालों में जनरेटर लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे चक्रवात के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित न हो.

उन्होंने कहा कि आपदा टीमों को भी सतर्क रहने और सभी स्थितियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है.

पाकिस्तान का सिंध प्रांत हाई अलर्ट पर

कराची.पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अधिकारियों ने देश के मौसम विभाग द्वारा चक्रवात तौकते को लेकर चेतावनी जारी करने के बाद हाई अलर्ट जारी किया है.

पाकिस्तान मौसम विभाग ने रविवार को चक्रवात के लिए लगातार छठा अलर्ट जारी किया, जिससे सिंध प्रांत का हिस्सा प्रभावित हो सकता है. खासकर इसके तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं के चलने की आशंका है.

अलर्ट के अनुसार, चक्रवात एक ष्बहुत गंभीर चक्रवाती तूफानष् में बदल गया है . ये कराची से लगभग 1,210 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व की दूरी पर 15.3 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 72.5 डिग्री पूर्वी देशांतर के पास केंद्र है.

अलर्ट में कहा गया है, ष्सिस्टम सेंटर के आसपास अधिकतम लगातार हवाएं 100-120 किमी प्रति घंटे से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं . श्श्

विभाग ने शनिवार रात जारी एक अलर्ट में कहा कि “मौजूदा मौसम संबंधी स्थितियों के आधार पर, सिंध के अलग-अलग हिस्सों में धूल, आंधी-बारिश के साथ 60-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है खासकर तटीय क्षेत्र में.”

मछुआरों को भी 20 मई तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है क्योंकि समुद्र की स्थिति बहुत ज्यादा खराब होगी.

एक अलग अधिसूचना में, विभाग ने कराची के लिए सोमवार तक हीटवेव चेतावनी भी जारी की है, जिसमें तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.

अलर्ट के बाद, सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने तटीय बेल्ट के साथ स्थित सभी जिलों में आपातकाल की घोषणा की थी.

कराची में स्थानीय अधिकारियों ने सभी होर्डिंग हटाने और निमार्णाधीन इमारतों की सुरक्षा के अलावा नालों की सफाई और आवास की वैकल्पिक व्यवस्था करना शुरू कर दिया है.