शबनम समदानी / जोधपुर
राजस्थान के उलेमा ने पिछले हफ्ते कश्मीर में लक्षित हत्याओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि कश्मीर में लक्षित हत्याएं मानवता के खिलाफ हैं. आवाज-द वॉयस ने जब इस विषय पर राज्य के उलेमाओं से बात की, तो उन्होंने लक्ष्य की हत्या की कड़ी निंदा की और इसे हर तरह से गलत करार दिया.
राजस्थान के ग्रैंड मुफ्ती मौलाना शेर मुहम्मद ने कहा कि अल्लाह सर्वशक्तिमान को हिंसा पसंद नहीं है. इस्लाम में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. इस्लाम कहता है कि धरती पर खून मत बहाओ. मानवता और शांति ही सीधा रास्ता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में लक्षित हत्या मानवता के खिलाफ है. ईमानदारी और प्रेम जीवन की संपूर्ण संहिता है. खून खराबा करने से कुछ हासिल नहीं होता. राजस्थान के मुफ्ती ने कहा कि मानव जीवन इतना सस्ता नहीं है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उसे बेरहमी से मार दिया जाए.
इस संबंध में ख्वाजा अब्दुल लतीफ शाह नजमी सुलेमानी चिश्ती दरगाह नाजिम-ए-अला पीर कारी मुहम्मद अबुल हसन मिनाई चिश्ती ने कहा कि कश्मीर में लक्षित हत्या बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और यह कार्य निंदा का पात्र है. खून बहाकर कश्मीर को नर्क बनाना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि हर इंसान को शांति से जीने का अधिकार है. इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है.
मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के सीईओ और उपाध्यक्ष मुहम्मद अतीक ने कहा कि हिंसा खूबसूरत कश्मीर का अपमान है. अहिंसा इस्लाम और मानवता का सच्चा मार्ग है. मनुष्य का मनुष्य से भाईचारा हर हाल में बना रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्लाम को झगड़े और दंगे पसंद नहीं हैं. गंगा-जामनी सभ्यता और सांप्रदायिक सौहार्द भारत और इस्लाम की असली पहचान है. मुश्किलों के बावजूद बातचीत को नहीं तोड़ना चाहिए.
मारवाड़ हज एंड वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव हाजी अब्दुल जब्बार ने कहा कि भारत एक खूबसूरत फूलदान है और इस देश में कई धर्मों के लोग सुगंधित फूलों की तरह हैं. कश्मीर में निर्दोष लोगों की लक्षित हत्या मानवता के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि कश्मीर का आम आदमी शांतिप्रिय है और वह शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में खून-खराबा हर हाल में रोका जाना चाहिए. अहिंसा ही शांति बहाल कर सकती है.