चंडीगढ़. पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने मोहाली में ग्रेनेड विस्फोट मामले में एक बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने इस मामले में 6 आतंकी संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर किए गए हमले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल शामिल है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वी.के. भवरा ने यहां मीडिया से कहा कि उन्होंने मामले का खुलासा कर दिया है. कनाडा निवासी लखबीर सिंह लांडा, पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंडा का करीबी सहयोगी, हमले का मुख्य साजिशकर्ता है. 2017 में कनाडा शिफ्ट हुआ लांडा रिंडा का सहयोगी है, जिसने साजिश रची थी.
उन्होंने कहा कि दोनों बब्बर खालसा इंटरनेशनल और आईएसआई के लिए काम करते हैं। गिरफ्तार लोगों में कंवर बाथ, बलजीत कौर, बलजीत रेम्बो, आनंददीप सोनू, जगदीप कांग और निशान सिंह शामिल हैं. निशान सिंह ने कथित तौर पर रॉकेट चालित ग्रेनेड मुहैया कराया था, जिससे विस्फोट हुआ. तरणतारण निवासी रैम्बो ने एके-47 राइफल उठाकर फरार चल रहे चदत सिंह को दे दी.
पुलिस ने कहा कि मोहम्मद असीम आलम और मोहम्मद सराफराज, दोनों नोएडा निवासी हैं, (जो बिहार के रहने वाले हैं) को गिरफ्तार कर लिया गया है. निशान सिंह की इस मामले में पहली गिरफ्तारी थी। उसने लांडा से रॉकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) प्राप्त किया और तीन व्यक्तियों को दिया.
सोमवार शाम मोहाली के एक पॉर्श इलाके में इंटेलिजेंस ब्यूरो के मुख्यालय पर ग्रेनेड से हमला हुआ जिससे इमारत की तीसरी मंजिल पर खिड़की के शीशे टूट गए.
एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दूर से दागा गया था. मौके पर एक स्विफ्ट कार नजर आई, हमले से पहले दो बदमाशों ने रेकी की थी."
हमले का उद्देश्य उच्च स्तरीय संगठित अपराध नियंत्रण इकाई के अधिकारियों को नुकसान पहुंचाना था, जिनके कार्यालय इंटेलिजेंस विंग मुख्यालय में हैं.