आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय मुस्लिम शिया इस्ना आशारी जमात द्वारा जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.
याचिकाकर्ता ने कहा कि त्यागी की विवादित किताब मुहम्मद पर प्रतिबंध लगाया जाए. मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने सैयद वसीम रिजवी को इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक बयान देने से रोकने और रिजवी द्वारा लिखित पुस्तक के प्रकाशन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.
चूंकि याचिकाकर्ता पीठ को समझाने में विफल रहा, इसलिए उसने बाद में अपनी याचिका वापस ले ली. अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.
यूयू ललित ने नोट किया कि यह वह प्रकार नहीं है जो याचिकाकर्ता अनुच्छेद 32 के प्रावधानों के तहत मांग रहा है और याचिकाकर्ता से याचिका वापस लेने को कहा. अदालत ने हालांकि याचिकाकर्ता को कानूनों के अनुसार कोई भी उचित उपाय तलाशने की स्वतंत्रता दी.
इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जिन्हें पहले वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था, को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए त्यागी को पांच सितंबर से पहले आत्मसमर्पण करने को कहा.