आवाज द वॉयस / नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने सऊदी अरब के हज और उमराह तीर्थयात्रियों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) से छूट की मांग करने वाले विभिन्न निजी टूर ऑपरेटरों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, ए एस ओका और सी टी रविकुमार की पीठ ने यह फैसला सुनाया. जस्टिस ओका ने कहा, हमने छूट और भेदभाव दोनों के आधार पर याचिकाओं को खारिज किया है.
न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि भारत के बाहर प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए जीएसटी के कार्यान्वयन के संबंध में याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए तर्क को ध्यान में रखा गया है, क्योंकि यह एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित है.
पंजीकृत निजी टूर ऑपरेटरों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी लगाने को जमीन पर चुनौती दी गई है. संविधान के अनुच्छेद 245के तहत देश के बाहर गतिविधियों पर कर लगाने की कोई शक्ति नहीं है. उनका तर्क है कि भारत के बाहर उपभोग किए गए सामानों पर जीएसटी नहीं लगाया जा सकता.
टूर ऑपरेटरों ने तर्क दिया था कि जिस तरह हज कमेटी के जरिए हज यात्रियों को कोई सर्विस टैक्स नहीं देना होता है, उसी तरह प्राइवेट ऑपरेटरों के जरिए हज करने वालों को जीएसटी से छूट दी जानी
चाहिए.याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि जीएसटी नहीं होना चाहिए. तीर्थयात्रियों के धार्मिक गतिविधियों जैसे उड़ान यात्रा, आवास आदि के लिए प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी लागू.