मुस्लिम महिलाओं से बेअदबी: 'सुल्ली डील्स' ऐप निर्माता ने सबूत मिटाए, फिर भी पकड़ा गया

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 09-01-2022
ओंकारेश्वर ठाकुर
ओंकारेश्वर ठाकुर

 

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए सुल्ली डील्स के कथित निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर ने बुल्ली बाई को लेकर हुए हंगामे के बाद सोशल मीडिया से अपनी पहचान संबंधी निशान मिटा दिए थे. पुलिस सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी.

एक सूत्र ने कहा, उसे पता था कि मुस्लिम महिलाओं की 'नीलामी' वाले ऐप बुल्ली बाई को लेकर हुए हंगामे के बाद पुलिस उसकी तलाश करेगी और इसी वजह से उसने सोशल मीडिया से अपनी पहचान संबंधी निशान मिटा दिए थे. वह बहुत तेज और तकनीकी क्षेत्र का महारथी है. उसने लगभग 10 जीबी डेटा डिलीट कर दिया था. हमें उम्मीद है कि डेटा मिलने के बाद हम और सबूत ढूंढ पाएंगे.

इंदौर की आईपीएस अकादमी से बीसीए की डिग्री हासिल करने रखने वाले ठाकुर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने शहर से गिरफ्तार किया है.

प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, उसने स्वीकार किया है कि वह ट्विटर पर उसपारंपरिक समूह का सदस्य था, जहां मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने और ट्रोल करने संबंधी विचार साझा किया गया था.

वह जनवरी 2020 में ट्विटर हैंडल एटदरेटगैंगेसियोन का उपयोग करते हुए त्ररादमहासभा समूह में शामिल हुआ और उसने यहां मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल करने के बारे में विभिन्न समूह से बातचीत की.

उसने गिटहब पर एक कोड विकसित किया था, जिसे समूह के सभी सदस्यों द्वारा एक्सेस किया जा सकता था. उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर ऐप को शेयर किया था और समूह के सदस्यों द्वारा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें इस पर अपलोड की गई थी.

इस ऐप को लेकर हंगामे के बाद उसने अपने सभी सोशल मीडिया फुटप्रिंट्स को हटा दिया था. स्पेशल सेल सुल्ली डील्स ऐप से संबंधित कोड/इमेज का पता लगाने के लिए तकनीकी गैजेट्स का विश्लेषण कर रही है.

पुलिस सूत्रों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इस काम में उसकी मदद करने वाले कुछ अन्य लोगों की पहचान की है .

पुलिस को अब तक उसके और बुल्ली बाई ऐप निमार्ता के बीच कोई लिंक नहीं मिला है.