सुल्ली डीलः दिल्ली की अदालत में ऐप डेवलपर ओंकारेश्वर की जमानत खारिज

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 16-01-2022
ओंकारेश्वर ठाकुर
ओंकारेश्वर ठाकुर

 

नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने रविवार को सुल्ली डील्स ऐप निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज कर दी.

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वसुंधरा छाउंकर ने सुल्ली डील्स ऐप बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने जांच के दौरान बुल्ली बाई ऐप केस के मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई से उसके बारे में जानकारी मिलने के बाद पिछले हफ्ते इंदौर से सुल्ली डील्स ऐप के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया था.

कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है और एमएलएटी प्रक्रिया के बाद काफी समय लेने वाले प्रयासों के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.

अदालत ने पाया, ‘आरोपी ने जानबूझकर अपनी पहचान का खुलासा करने के लिए टॉप ब्राउजर का इस्तेमाल किया था और पूरे देश में ‘सुली डील्स’ ऐप के खिलाफ विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जांच एक प्रारंभिक चरण में है जहां महत्वपूर्ण सबूत और घटनाओं की आगे की श्रृंखला का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है.’

कोर्ट के मुताबिक, इस वक्त आरोपी को जमानत देने से निष्पक्ष जांच पर असर पड़ेगा. अदालत ने कहा, ‘इसलिए, अदालत की राय में, आरोपी इस स्तर पर जमानत का हकदार नहीं है.’

अदालत ने कहा, ‘उपरोक्त टिप्पणियों और कारणों के आधार पर आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज की जाती है.’

जुलाई 2021 में जीथब प्लेटफॉर्म पर मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए ‘सुल्ली डील’ ऐप बनाया गया था. मामला तब सामने आया, जब दिल्ली पुलिस ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया. दिल्ली पुलिस पिछले छह महीने से मामले की जांच कर रही थी, लेकिन मामले में पहली गिरफ्तारी बुल्ली बाई ऐप मामले के मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई के असम के जोरहाट से पकड़े जाने के बाद हुई.

दिल्ली पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि बुली बाई मास्टरमाइंड नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर चैट रूम के माध्यम से इंटरनेट पर वस्तुतः जुड़े हुए थे.