छात्र नेता अनीस की हत्या नहीं हुई: बंगाल पुलिस

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-07-2022
छात्र नेता अनीस की हत्या नहीं हुई: बंगाल पुलिस
छात्र नेता अनीस की हत्या नहीं हुई: बंगाल पुलिस

 

कोलकाता. छात्र नेता अनीस खान की रहस्यमयी मौत की जांच कर रहे पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को हत्या से इनकार किया, जैसा कि उनके परिवार ने आरोप लगाया था. हालांकि, हावड़ा जिले की निचली अदालत में जमा किए गए अपने अंतिम आरोपपत्र में एसआईटी ने जिले के स्थानीय अमाता पुलिस स्टेशन के पांच पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए नामित किया है.

चार्जशीट में जिन पांच पुलिसकर्मियों के नाम हैं, उनमें अमता थाना प्रभारी देवव्रत चक्रवर्ती शामिल हैं.

पता चला है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जिन धाराओं को अंतिम चार्जशीट में शामिल किया गया है, उनमें हैं धारा 304ए (लापरवाही से मौत), 341 (गलत तरीके से रोकना), धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), धारा 452 (घर में अतिचार) और धारा 120बी (आपराधिक साजिश). हालांकि, एसआईटी द्वारा जांच शुरू करने के 144 दिनों के बाद दायर की गई चार्जशीट में धारा 302 का उल्लेख नहीं था जो कि हत्या की सजा से संबंधित है.

इस बीच, 29 जून को पीड़ित परिवार ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच को खारिज करते हुए उसी अदालत की एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया.

21 जून को न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने मामले की सीबीआई जांच से इनकार किया था और मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच पर विश्वास व्यक्त किया था.

खान 19 फरवरी को अमता स्थित अपने आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. उनके परिवार का आरोप है कि वर्दी में पुलिसकर्मियों ने उनकी हत्या की है. राज्य पुलिस ने सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर जांच शुरू की.

एसआईटी सदस्यों ने इस सिलसिले में एक होमगार्ड और एक नागरिक स्वयंसेवक को भी गिरफ्तार किया है.

एसआईटी ने 19 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ को जांच में प्रगति की 82-पृष्ठों की रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जांच दल ने संकेत दिया कि अनीस खान की मौत आत्महत्या का मामला था.