ज्ञानवापी का तथ्य साने आने देना चाहिए: आरएसएस

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 19-05-2022
बयान दो: ज्ञानवापी का तथ्य साने आने देना चाहिए: आरएसएस
बयान दो: ज्ञानवापी का तथ्य साने आने देना चाहिए: आरएसएस

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने को लेकर जारी बहस पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि तथ्यों को सामने आने देना चाहिए. तथ्यों को अधिक समय तक छिपाया नहीं जा सकता. 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संवाद प्रकोष्ठ इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र द्वारा बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित 12वें देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने ज्ञानवापी को लेकर यह बड़ा बयान दिया.
 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुनील आंबेकर ने कहा, ‘‘ज्ञानवापी को लेकर कुछ तथ्य है जो सामने आ रहे हैं. मेरा मानना है कि तथ्य को सामने आने देना चाहिए. किसी भी स्थिति में सच्चाई सामने आएगी ही. आप कितने समय तक सच को छिपाएंगे.‘‘
 
उन्होंने आगे कहा, ‘‘मेरा मानना है कि ऐतिहासिक तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में समाज के सामने आना ही चाहिए.‘‘सुनील आंबेकर के इस बयान को काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मसले को लेकर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है है, क्योंकि अयोध्या विवाद को लेकर जब नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, उस समय मथुरा और काशी को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि संघ ऐतिहासिक कारणों की वजह से रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़ा था.
 
यह अपवाद के तौर पर था. उस समय भागवत ने कहा था कि संघ अब मानव विकास को लेकर काम करेगा.
 
बुधवार को आयोजित इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने भी ज्ञानवापी मसले पर अपनी राय रखी.  बालियान ने कहा कि जब यह सारा घटनाक्रम (ज्ञानवापी) चल रहा था, तब वह वाराणसी में ही थे, जब उन्हें मस्जिद में शिवलिंग पाए जाने की जानकारी मिली, तब वो भावुक हो गए.
 
उन्होंने कहा कि यह पता लगने पर कि नंदी कई सदियों से भगवान शंकर का इंतजार कर रहे थे, तब उनकी आंखें भर गई थीं.