नई दिल्ली
केंद्रीय खेल मंत्री मंसुख मंडाविया ने ग्लासगो 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए बैटन रिले कार्यक्रम में भारत के खेल भविष्य की अपनी दृष्टि साझा की। उन्होंने वैश्विक खेलों में भारत की बढ़ती उपस्थिति को उजागर करते हुए कहा कि देश ऐसे आयोजनों के माध्यम से एकता, समानता और खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मंडाविया ने कहा, "बैटन सभी राज्यों में ले जाया जाएगा... यह खेल भावना, समानता और मित्रता का प्रतीक है। खेल एक आत्मा है। यह भारतीय नागरिकों की प्रकृति है।"
उन्होंने देश में खेलों की तेज़ प्रगति की सराहना करते हुए कहा, "देश में खेल लगातार प्रगति कर रहे हैं। यह बदलता हुआ भारत है। हम विश्व स्तर के टूर्नामेंट आयोजित कर रहे हैं। हम विश्व चैंपियनशिप जीतेंगे। आने वाले दिनों में हम आगे बढ़ेंगे।"
मंत्री ने यह भी कहा, "2036 तक भारत पदक तालिका में शीर्ष 10 देशों में स्थान सुनिश्चित करेगा। और 2047 तक हम विश्व के शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में शामिल होंगे।"
कार्यक्रम का आयोजन कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा किया गया और इसमें योगेश्वर दत्त, अचंता शरत कमल, गगन नारंग सहित कई ओलंपिक और कॉमनवेल्थ मेडलिस्ट, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित थे।
बैटन, जिसे प्रसिद्ध भारतीय विजुअल कलाकार आक़िब वानी ने डिजाइन किया है, इस साल के रिले की थीम – कला, खेल और सततता – को दर्शाता है। इसका डिज़ाइन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत से प्रेरित है, जो पारंपरिक शिल्पकला को समकालीन सौंदर्यशास्त्र के साथ जोड़कर देश की विविधता और रचनात्मक महत्वाकांक्षा को प्रदर्शित करता है।