सोनार बांग्ला का फैसला ‘बम और गोलियों’ से नहीं हो सकता : गौतम गंभीर

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 07-03-2021
पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर
पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर

 

 

 

नई दिल्ली. पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य के साथ-साथ राज्य के लोगों के भाग्य का फैसला ‘बम और गोलियों’ से नहीं किया जा सकता. पश्चिम बंगाल के मतदाताओं के लिए एक खुले पत्र में, गंभीर ने बताया कि हाल के दिनों में बम बनाने के कारखानों की कई रिपोर्ट सामने आई हैं.

उन्होंने कहा, “दशकों से वामपंथियों और तृणमूल कांग्रेस द्वारा धमकी, हिंसा को सामान्य बनाया गया है और यह अब बंगाल की राजनीतिक संस्कृति का हिस्सा बन गया है.”

पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद गंभीर ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस राज्य में किसी भी विपक्ष को चुप कराने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है.

उन्होंने कहा, “यह बंगाल का लोकाचार नहीं है और मतदाताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए. उन्हें यह तय करना होगा कि वे सिंडिकेट का शासन चाहते हैं या ‘सोनार बांग्ला’? वे भाई-भतीजावाद चाहते हैं या योग्यता? वे घुसपैठियों के साथ हैं या हमारे बहादुर जवानों के साथ? वे राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार चाहते हैं या परिवर्तन.”

उन्होंने कहा कि उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर दुख हुआ है कि भाजपा श्बाहरी लोगोंश् की पार्टी है और राज्य में इसका कोई स्थान नहीं है.

उन्होंने कहा, “एक पल के लिए भी मुझे यह महसूस नहीं हुआ कि मैं एक बाहरी व्यक्ति हूं और कोलकाता में या बंगाल में नहीं, कहीं और पैदा नहीं हुआ. मुझे यह कभी महसूस नहीं हुआ कि मैंने प्रेसीडेंसी कॉलेज या जादवपुर विश्वविद्यालय में नहीं पढ़ा या बड़ा होने पर कभी पार्कस्ट्रीट में एगरोल नहीं खाया.”

उन्होंने आगे कहा कि वह हमेशा खुद को इस विशाल और खुशहाल परिवार के एक हिस्से की तरह महसूस करते हैं. राज्य में आने पर हर बार मुझे प्यार और आशीर्वाद मिलता है.

गंभीर ने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को दो आईपीएल फाइनल में जीत दिलाई है. राज्य में विशेषकर युवाओं के बीच उनकी बड़ी ‘फैन फोलोविंग’ है. वह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा के स्टार प्रचारकों में से एक हैं.

पश्चिम बंगाल की 294 सीटों के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच मतदान होगा. मतों की गिनती 2 मई को होगी.