आज मनेगा ‘काला दिवस‘, दिल्ली पुलिस सतर्क

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 26-05-2021
किसान आंदोलन के छह महीनेः आज मनेगा  ‘काला दिवस‘, दिल्ली पुलिस सतर्क
किसान आंदोलन के छह महीनेः आज मनेगा ‘काला दिवस‘, दिल्ली पुलिस सतर्क

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
 
कृषि कानून के विरोधी में जारी किसानों के आंदोलन के आज छह महीने पूरे हो गए. संयुक्त किसान मोर्चा ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मई को देशभर में काला दिवस मनाने का आह्वान किया है. किसानों ने देशवासियों से समर्थन मांगते हुए बुधवार को अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाने की अपील की है. किसानों के इस आह्वान के मद्देनजर दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है.
 
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा, ‘‘हमने किसानों से अपील की है कि कोरोना की वजह से लोगों की जान जा रही है, इसलिए कार्यक्रम करने या भीड़ जुटने से स्थिति बिगड़ सकती है. प्रदर्शन करने या लोगों को इकट्ठा करने की इजाजत नहीं है.‘‘
 
उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई व्यक्ति गैरकानूनी काम करेगा या कोरोना नियमों को तोड़ने का प्रयास करेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीमाओं पर, यानी धरनास्थलों पर सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. एहतियातन सुरक्षा बढ़ाई गई है.
 
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 6 महीने आज पूरे हो रहे हैं, आज ही के दिन केंद्र की मोदी सरकार के 7 साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया है.
 
हालांकि, 26 मई को भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव ‘बुद्ध पूर्णिमा‘ भी है, लिहाजा संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन सभी धरनास्थलों पर अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाने का फैसला किया है.
 
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘हमने 26 मई को लोग अपने घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी-जनता विरोधी मोदी सरकार का विरोध करेंग.‘‘
 
क्या दिल्ली की सीमाओं पर इकट्ठा होंगे या दिल्ली के अंदर जाने का प्रयास होगा? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, ‘‘जो व्यक्ति जहां है वहीं रहेगा, कोरोना नियमों का पालन करते हुए अपना विरोध दर्ज करेंगे.‘‘
 
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के अनुसार, इस मुहिम का देश के ट्रेड यूनियन, छात्र संगठन व तमाम जनवादी संगठन खुलकर समर्थन कर रहे हैं.तीन नए अधिनियमित खेती कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है.