नई दिल्ली. भारत में पाकिस्तान के उच्चायोग ने मुहम्मद हबीब उर्फ सिक्का खान को उनके भाई और परिवार से मिलने के लिए वीजा जारी किया है.
गौरतलब है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच राजनीतिक और राजनयिक तनाव ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया है, लेकिन ये एक ऐसी घटना है, जिसने पाकिस्तान को एक बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है.
सिक्का खान और मोहम्मद सिद्दीकी दोनों सगे भाई हैं, जो 1947 में उपमहाद्वीप के विभाजन के अवसर पर अलग हो गए थे. कुछ समय पहले जब दोनों भाई करतारपुर में मिले थे, तो उनकी आखिरी मुलाकात 74 साल पहले की थी.
नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, शुक्रवार को वीजा जारी किया गया था. लक्ष्य यह है कि दोनों भाई सालों या दशकों बाद भी शांति से एक साथ समय बिता सकें. करतारपुर में उनके गले मिलने और रोने की तस्वीरों ने दोनों देशों के लाखों लोगों को भावुक कर दिया था.
पाकिस्तान उच्चायोग ने सिक्का खान का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वह वीजा जारी होने पर खुशी जाहिर कर रहे हैं. वीडियो में सिक्का खान कह रहे हैं, ‘मुझे वीजा मिल गया, मैं बहुत खुश हूं. मैं जाकर आपसे मिलूंगा, आप सभी का धन्यवाद. धन्यवाद, जिन्होंने मुझे भाइयों के पास भेजा.’
इससे पहले सिक्का खान ने हाल ही में अरब न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान जाने की इच्छा जताई थी. उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए मेरा गांव मेरा परिवार है. अब मैं पाकिस्तान जाना चाहता हूं और अपने भाई के साथ कुछ समय बिताना चाहता हूं. मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तानी सरकार मुझे वीजा जारी करेगी.’
1947 में सिक्क खान अपने पिता और बड़े भाई से अलग हो गए थे, जब उनके पिता और भाई को फलते-फूलते गाँव को छोड़ना पड़ा था, जो भारत का हिस्सा बन गया था. सिक्का खान केवल दो साल के थे, जब वह अपनी मां के साथ चले गए. बाद में अपने पति और सिक्का खान के पिता की मौत की खबर सुनकर उनकी मां ने आत्महत्या कर ली थी.
उच्चायोग के अनुसार, वीजा जारी करने का उद्देश्य सिक्का खान को अपने भाई मुहम्मद सिद्दीकी और परिवार के अन्य सदस्यों से पाकिस्तान में मिलने के लिए सक्षम बनाना है.
बिछड़े भाइयों की हाल ही में 10 जनवरी को पाकिस्तान के करतारपुर में मुलाकात हुई थी. इस मौके पर 76 वर्षीय सिक्का खान ने अपने भाई से मुलाकात की और कहा, ‘मैंने कहा था कि हम फिर जरूर मिलेंगे.’
गौरतलब है कि सिख समुदाय के लिए 2019 में करतापुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया था, ताकि वे अपने पवित्र स्थान गुरुद्वारा दरबार साहिब तक पहुंच सकें.
खान ने अपने भाई से मिलने के बाद अरब न्यूज को बताया, ‘यह हमारे लिए एक भावनात्मक क्षण था और मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं अपने भाई और उसके परिवार से मिल रहा हूं. जीवन ने मुझे अपने भाई को फिर से देखने का मौका दिया है और मैं उसके बिना नहीं रहना चाहता. मुझे अपने भाई की इतनी जरूरत पहले कभी नहीं पड़ी. मैं अपना शेष जीवन अपने बड़े भाई के साथ बिताना चाहता हूं.’