इमाम बोले - मुस्लिम महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ, लोग भड़के

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 05-12-2022
शाही इमाम बोले मुस्लिम महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ, लोग भड़के बोले देश में अनेक मुस्लिम सियासत दान हुई है महिलाएं
शाही इमाम बोले मुस्लिम महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ, लोग भड़के बोले देश में अनेक मुस्लिम सियासत दान हुई है महिलाएं

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 5 दिसंबर को आखिरी चरण के लिए मतदाना होना है. इस बीच, चुनाव में मुस्लिम महिलाओं को टिकट देने के मामले पर अहमदाबाद की जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने विवादित बयान दिया है.

मुस्लिम महिलाओं के चुनाव लड़ने पर विरोध जताया
 
जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने मुस्लिम महिलाओं के चुनाव लड़ने पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को चुनाव में टिकटे देने वाले इस्लाम के खिलाफ हैं. इस विवादित ब्यान के बाद सोशल मीडिया पर लोग शाही इमाम पर भड़क उठे हैं.

क्या कोई आदमी नहीं बचा है, जिसे चुनाव में टिकट दिया जा सके ?
 
अहमदाबाद की जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि जिन्हें मस्जिद और मजार में जाने की इजाजत नहीं, वो असेंबली में कैसे जा सकती हैं. मुस्लिम महिलाओं को चुनावी टिकट देने वाले इस्लाम के खिलाफ हैं, वो मजहब को कमजोर कर रहे हैं. क्या कोई आदमी नहीं बचा है, जिसे चुनाव में टिकट दिया जा सके?

देश में अनेक मुस्लिम सियासत दान हुई है महिलाएं
 
हालाँकि, कई लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि आठ देशों में मुस्लिम महिलाए मुखिया रही हैं.  देश में अनेक मुस्लिम सियासत दान महिलाएं हुई है. मंत्री भी रहीं हैं और गवर्नर भी रहीं हैं.
 
मिलिए उन नौ मुस्लिम महिलाओं से जिन्होंने राष्ट्रों पर शासन किया है
 
1. तनसु सिलेर, तुर्की के प्रधान मंत्री, 1993-1996
 
 
2. मेगावती सुकर्णोपुत्री, इंडोनेशिया की राष्ट्रपति, 2001-2004
 
 
3. मैम मैडियर बॉय, सेनेगल के प्रधान मंत्री, 2001-2002
 
 
4. आतिफेटे जहजगा, कोसोवो के राष्ट्रपति, 2011-वर्तमान
 
 
5. रोजा ओटुनबायेवा, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति, 2010-2011
 
 
6. शेख हसीना, बांग्लादेश की प्रधान मंत्री, 1996 - 2001; 2009 - वर्तमान
 
 
7. बेनज़ीर भुट्टो, पाकिस्तान की प्रधान मंत्री, 1988 - 1990; 1993 - 1996
 
 
8. खालिदा जिया, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, 1991 - 1996; 2001 - 2006
 
 
9. अमीना फाकिम, मॉरीशस की राष्ट्रपति, 2015 - वर्तमान
 
 
 
 
वहीँ इस बात से भी पर्दा नहीं किया जा सकता है कि अमेरिका की दो प्रमुख पार्टियों - डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन - में से किसी ने भी कभी भी राष्ट्रपति पद के लिए किसी महिला उम्मीदवार को नामित नहीं किया है. 

इसी सूची में मोहसिना किदवई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की नेता हैं, वह बाराबंकी , उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं. वर्तमान में वह छत्तीसगढ़ से निर्वाचित राज्य सभा की सदस्य हैं. वह कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य हैं, जो भारतीय कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है.
 
 
डॉ॰ नजमा हेपतुल्ला एक राजनीतिज्ञ, लेखिका और नरेन्द्र मोदी सरकार के अंतर्गत अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री थी. वह फिलहाल मणिपुर राज्य की राज्यपाल है. वे मुंबई कांग्रेस कमेटी की महासचिव और उपाध्यक्ष रह चुकी हैं. वे 1985 से 1986 तथा 1988 से जुलाई 2007 तक भारतीय लोकतंत्र की उपरी प्रतिनिधि सभा राज्यसभा की पूर्व उपसभापति रही हैं. 1980 से राज्यसभा की सदस्य हैं और अभी उनका दिल्ली के जमियामालिया युनिव्हर्सिटी मी कुलगुरू किया हैं.
 
 
बाकी बहुत सारी लोकल बॉडीज में भी मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं.
 
इस्लाम में औरतों का एक मकाम
 
मगर अब चुनाव में मुस्लिम महिलाओं को टिकट देने के मामले पर अहमदाबाद की जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने राजनीतिक दलों पर हमला बोलते हुए विवादित बयान दिया है. जिसकी आलोचना जारी है.
 
शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने कहा कि इस्लाम की बात लाई है, तो कहना चाहूंगा कि अभी नमाज के दौरान देखा कि मस्जिद में एक भी औरत नजर नहीं आई. इस्लाम में सबसे ज्यादा अहमियत नमाज को दी जाती है.
 
अगर, महिलाओं का इस तरह से लोगों के सामने आना जायज होता, तो उन्हें मस्जिद से नहीं रोका जाता. मस्जिद से रोक दिया गया, क्योंकि इस्लाम में औरतों का एक मकाम है. उन्होंने कहा कि इस तरह बिना मजबूरी औरतों को विधायक, पार्षद बनाएंगे, तो हम हिजाब को महफूज नहीं रख सकेंगे.
 
अगर हम हिजाब के मसले को हुकूमत के सामने रखें, तो वो कहेगी कि आपकी औरतें असेंबली में आ रही हैं, स्टेज पर बैठ रही हैं, इस्लाम में औरत की आवाज भी औरत है, इसलिए मैं इसका सख्त मुखालिफ हूं.