मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली / बागपत
कोरोना में जैसे इंसानियत भी मरने लगी है. रोजाना कोरोना से हजारों लोगों के मरने की खबरों के बीच सात ऐसे लोगों के पकड़े जाने की खबर सामने आई है, जिनकी आत्मा, जमीर शायद मर चुकी है. ये लोग कोरोना से मरने वालों के कफन और लाशों से उतारे गए कपड़े पिछले कई दिनों से बेचने का धंधा कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश की बागपत पुलिस ने सात कफन चोरों को न केवल गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से दस बड़े गट्ठों में कफन और लाशों से उतारे गए गए कपड़े भी बरामद किए हैं. पुलिस वाले चारों से लगातार पूछताछ कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि चारों से कुछ और कफन बरामद किए जा सकते हैं.
बागपत पुलिस का कहना है कि उसे पिछले कई दिनों से कब्रिस्तान और शमशान भूमि से मुर्दो के कफन और लाशों के साथ लाए गए मुर्दों के कपड़े गायब किए जाने की सूचना मिल रही थी. इस मामले में जब जाल बिछाया गया तो जल्द ही बड़ौत थाना पुलिस के हत्थे बागपत का एक कपड़ा व्यापारी और उसके गिरोह के सात सदस्य चढ़ गए.
पकड़े गए सात लोगांे में कपड़ा व्यापारी प्रवीण कुमार जैन उनके परिवार के दो अन्य सदस्य आशीष जैन व श्रृषभ जैन के अलावा उसके गिरोह के चार अन्य सदस्य बब्लू, शाहरूख, शरवण कुमार शर्मा और राजू शर्मा शामिल हैं. पुलिस ने उनके कब्जे से 520 कफन, 52 सफेद सारी, 50 सफेद चादर, 54 धोती, 140 शर्ट, 127 कुर्ता, शाल, गर्म कपड़े आदि बरामद किए हैं.
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि गिरोह के लोग कब्रिस्तान और शमशान से मुर्दों के पकड़े चुरा कर उनकी धुलाई करने के बाद उसपर ग्वालियार की एक नामी कपड़ा कंपनी की मुहर और रीबन लगाकर बाजार में बेच देते थे. आरोपियों के पास से ग्वालियर की नाम की कंपनी की भारी मात्रा में रीबन भी बरामद की गई है.
इस के अलावा बागपत पुलिस पकड़े गए लोगों से यह भी पता लगाने में लगी है कि कोरोना पीड़ित मुर्दों के कपड़ों और कफन की ठीक से सफाई या सफाई होती थी या नहीं. यदि नहीं, तो आरोपियों की हरकतों से यूपी में कोरोना बढ़ने का खतरा और बढ़ सकता है. रविवार को 26 हजार से अधिक यूपी में कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए थे. अभी यूपी में कोरोना के कुल मामले ढाई लाख के करीब पहुंच गए हैं.