ऊपरवाले की इबादत से लोकप्रिय हुए सतनाम पंजाबी

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
मलेरकोटला में सम्मानित हुए सतनाम पंजाबी
मलेरकोटला में सम्मानित हुए सतनाम पंजाबी

 

सुखा खान/ मालेरकोटला

पंजाब का एक जिला है संगरूर और वहां अमरगढ़ कस्बे के पास है गांव चाहुंदा. इस गांव में रहने वाले सतनाम सिंह न सिर्फ गायिकी में ऊंचे सुर लगाते हैं, बल्कि उनकी सुरों में इंसानियत की ताल भी है.

पटियाला से पीएचडी कर रहे सतनाम सिंह सर्वधर्म समभाव में यकीन रखते हैं और अपनी पढ़ाई के साथ-साथ वह मुस्लिम धर्म की पवित्र किताब कुरान शरीफ के पंजाबी अनुवाद को भी बड़े मनोयोग से पढ़ते हैं.

सतनाम को गाने का इतना अधिक शौक है कि उन्होंने गायिकी को परवान चढ़ाने के लिए अपनी म्युजिक कंपनी खोल रखी है और खुद सतनाम पंजाबी के नाम से गाते हैं. सतनाम सिंह पंजाबी सांस्कृतिक गीत गाते हैं और खासे लोकप्रिय भी हो रहे हैं.

परन्तु, अब सतनाम सिंह की पहचान पूरी दुनिया में हो गई है क्योंकि सिख धर्म के अनुयायी सतनाम पंजाबी ने मुस्लिम भाईचारो की धार्मिक नात शरीफ़ गाकर मुस्लिम समाज का दिल जीत लिया है. इस वजह से अब सतनाम के प्रशंसक न सिर्फ हिंदुस्तान में हैं बल्कि पाकिस्तान में भी सतनाम पंजाबी के जाननेवाले बन गए हैं.

सतनाम ने अपने गीत में मुस्लिम भाईचारा के साथ ही पैग़ंबर साहब की तारीफ़ के गीत गाए हैं. ऐसे में, उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. हाल यह हो गया है कि  मलेरकोटला में हर रोज कहीं न कहीं सतनाम पंजाबी को बुलाकर सम्मानित किया जा रहा है. इसी तरह का सम्मान किला रहमतगढ़ मालेरकोटला की जामा मस्जिद में मुस्लिम समुदाय ने उनका किया है.

अपने सम्मान के बाद सतनाम पंजाबी ने कहा कि लोगों में आपसी भाईचारा बढ़ाने के मकसद से उनकी यह कोशिश है और यह आगे भी जारी रहेगी.