रूस-यूक्रेन युद्ध : बुखारेस्ट से दूसरी फ्लाइट 250 यात्रियों को लेकर सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-02-2022
बुखारेस्ट से दूसरी फ्लाइट 250 यात्रियों को लेकर सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची
बुखारेस्ट से दूसरी फ्लाइट 250 यात्रियों को लेकर सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
 
रोमानिया की राजधानी बुखारेस्त से दूसरी निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 250 भारतीयों को लेकर रविवार सुबह दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी. दूसरी ओर, 240 भारतीय नागरिकों के साथ ऑपरेशन गंगा की तीसरी उड़ान बुडापेस्ट, हंगरी से दिल्ली के लिए रवाना हुई.
 
 केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार का यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी नागरिकों को सुरक्षित भारत में नहीं लाया जाता.
 नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के रास्ते यूक्रेन से सुरक्षित निकाले गए भारतीय नागरिकों का स्वागत किया.  सिंधिया ने दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने वाले भारतीय नागरिकों से बात की.
 
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योति राधाकृष्णन सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति के संपर्क में हैं. सभी भारतीयों को सुरक्षित घर पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने कई बच्चों से बात की.
 
उन्होंने बहादुरी और साहस के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाई है. हमने उनकी प्रशंसा की. उनसे अनुरोध है कि अपने सहयोगियों और दोस्तों को सूचित करें कि सरकार का यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी नागरिकों को सुरक्षित भारत नहीं लाया जाता.
 
विमान के कप्तान इंचित भारद्वाज ने कहा कि यह एक सामूहिक प्रयास था. भारतीय छात्रों को वापस घर ले जाना हमारे लिए एक विशेष अनुभव था. हम इसे समय पर पूरा कर खुश हैं. कैप्टन इंचित भारद्वाज ने कहा कि भारत में रोमानिया के रास्ते तेहरान और पाकिस्तान तक हवाई यातायात नियंत्रण नेटवर्क बहुत सहायक था. हमें बिना पूछे ही सीधा रास्ता दे दिया गया.
 
वहीं ऑपरेशन गंगा की तीसरी उड़ान हंगरी के बुडापेस्ट से 240 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुई. छात्रों के साथ एयर इंडिया की विशेष फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे केबिन क्रू इंचार्ज रजनी पाल ने कहा, ‘हमें भारतीयों को घर लाने के इस ऑपरेशन का हिस्सा बनकर गर्व हो रहा है.
 
कुछ छात्र पिक-अप पॉइंट तक पहुंचने के लिए अपने सामान के साथ 10-9 किमी की पैदल यात्रा की. जबकि यूक्रेन से लौट रहे एक छात्र का कहना है कि छात्र डरे हुए हैं. यूक्रेन के अन्य हिस्सों में स्थिति काफी बेहतर है.