आवाज द वाॅयस/ मुंबई
दो दिन पहले गीतकार जावेद अख्तर के आरएसएस, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की तुलना तालिबान से करने से उपजा विवाद अभी थमा नहीं है. मुंबई में रविवार को जावेद के घर पर बयान के विरोध में प्रदर्शन किया गया. इसी बीच आज सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की मुंबई के एक पांच सितारा होटल में मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों से मुलाकात होने जा रही है.
इससे पहले जुलाई में, भागवत ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी. इसी दौरान माॅब लिंचिंग, गोहत्या, हिंदुत्व और हिंदू-मुस्लिम को लेकर चर्चित बयान आया था.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा था, “हिंदू-मुस्लिम एकता की अवधारणा को गलत तरीके से पेश किया गया है, क्योंकि उनके बीच कोई अंतर नहीं है. यह साबित हो गया है कि हम पिछले 40,000 वर्षों से एक ही पूर्वजों के वंशज हैं. भारत के लोगों का डीएनए एक जैसा है.”
भागवत ने कहा था कि कभी भी हिंदू या मुस्लिम का प्रभुत्व नहीं हो सकता. ‘‘केवल भारतीयता का प्रभुत्व हो सकता है.‘‘ इस कार्यक्रम में पिछले तीन दशक से आरएसएस के साथ रहे डॉक्टर इफ्तिखार की पुस्तक का डाॅ भगवत ने विमोचन भी किया था.
इस बीच नागपुर में तीन सितंबर से शुरू हुई तीन दिवसीय समन्वय बैठक का आज समापन होगा.हर साल सितंबर में संघ की बड़े पैमाने पर समन्वय बैठक होती है. हालाँकि, पिछले वर्ष से, बैठक कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए बहुत कम प्रोफाइल में आयोजित की जा रही है.
इस बैठक में संघ के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद, विद्यार्थी परिषद, भारतीय मजदूर संघ और विद्या भारती जैसे संबद्ध संगठन मौजूद रहे. बैठक में पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति प्रमुख एजेंडे में से एक रही.