जामा मस्जिद के बीच से सड़क निकाली गई, न्यूज चैनल पर हुई अजीब बहस

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 16-04-2022
जामा मस्जिद के बीच से सड़क निकाली गई, न्यूज चैनल पर हुई अजीब बहस
जामा मस्जिद के बीच से सड़क निकाली गई, न्यूज चैनल पर हुई अजीब बहस

 

नई दिल्ली. देश भर में लाउडस्पीकरों की चर्चा हो रही है. लाउडस्पीकरों का मुद्दा व्यापक है और टीवी चैनलों पर इस पर बहस हो रही है. इस संबंध में न्यूज चौनल न्यूज18 पर लाउडस्पीकर पर चर्चा हुई. लाउडस्पीकर से शुरू हुई चर्चा अली, बजरंग बली और जामा मस्जिद तक पहुंची. एक शख्स ने तो यहां तक कह दिया कि जामिया मस्जिद के बीच में सड़क बन गई है.

चर्चा के दौरान भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस देश में ज्यादातर संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है. जवाब में, एक राजनीतिक विश्लेषक दानिश कुरैशी ने कहा, ‘‘मैं सुधांशु जी से पूछना चाहता हूं कि वक्फ बोर्ड के मालिक कौन हैं और क्या आप जानते हैं कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का क्या हुआ? दिल्ली की जामा मस्जिद के बीच से रास्ता साफ कर दिया गया है. बताओ, क्या इस देश में एक भी ऐसा मंदिर है, जहां से सड़क पक्की हुई हो?’’

दानिश कुरैशी को जवाब देते हुए, राजनीतिक विश्लेषक रिजवान अहमद ने कहा, ‘‘तुलना करें कि मुसलमान देश की आबादी के 18 प्रतिषत के मुकाबले कितना टैक्स देते हैं. मुसलमानों ने वक्फ बोर्ड की संपत्ति लूटी. मुसलमानों ने वक्फ बोर्ड के कब्रिस्तान बेच दिए. अगर संविधान धर्मनिरपेक्ष है, तो अल्पसंख्यक शब्द नहीं हो सकता.’’

बहस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सेक्युलर शब्द को संविधान सभा में शामिल नहीं किया गया था, क्योंकि नेहरू जी ने कहा था कि यह शब्द अल्पसंख्यक होना चाहिए. एक धर्मनिरपेक्ष देश में कोई धार्मिक अल्पसंख्यक नहीं है, लेकिन एक धार्मिक देश में एक धार्मिक अल्पसंख्यक होता है. भारत में सरकार के बाद अगर किसी के पास सबसे ज्यादा जमीन है, तो वह वक्फ बोर्ड के पास है न कि मंदिरों और मठों के पास.’’