लाल किला विस्फोट: शुरुआती जांच में ‘दुर्घटनावश धमाका’ होने के संकेत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-11-2025
Red Fort blast: Initial investigations indicate 'accidental blast'
Red Fort blast: Initial investigations indicate 'accidental blast'

 

नई दिल्ली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि यह विस्फोट संभावित रूप से ‘दुर्घटनावश’ हुआ, जब एक अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा व्यक्ति विस्फोटक सामग्री को जल्दबाजी में ले जा रहा था। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले को एक संभावित आतंकी हमले के रूप में दर्ज किया है और जांच का केंद्र बिंदु बनाया है पुलवामा के डॉक्टर उमर नबी को। बताया जा रहा है कि उमर का संबंध फरीदाबाद स्थित आतंकी नेटवर्क से था, जिसका पर्दाफाश हाल ही में हुआ, जहां से बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए थे।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने विस्फोट के अगले ही दिन उमर की मां का डीएनए नमूना लिया है ताकि घटनास्थल से मिले मानव अवशेषों की पहचान की जा सके।

सूत्रों के अनुसार, यह विस्फोट दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में आतंकी नेटवर्क पर की गई ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद संदिग्धों की घबराहट में हुआ। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, फरीदाबाद में छापे के बाद संदिग्ध उमर नबी ने जल्दबाजी में ठिकाना बदलने की कोशिश की, जिसके दौरान विस्फोटक ले जाते वक्त यह धमाका हो गया।

अधिकारी ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि यह हमला किसी आत्मघाती साजिश के तहत नहीं, बल्कि गलत तरीके से बने बम के आकस्मिक विस्फोट का नतीजा था।”

खुफिया एजेंसियों के प्रारंभिक विश्लेषण में सामने आया है कि यह आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) सही ढंग से तैयार नहीं की गई थी, जिसके कारण इसका प्रभाव सीमित रहा। विस्फोट स्थल से कीलें या छर्रे नहीं मिले हैं, जो दर्शाता है कि यह बम अधूरा था और समय से पहले फट गया।

इस घटना से कुछ घंटे पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े ‘सफेदपोश’ मॉड्यूल का खुलासा किया था। इसमें तीन डॉक्टर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था और करीब 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। यह नेटवर्क कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैला हुआ था।

दिल्ली फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) ने घटनास्थल से 40 नमूने एकत्र किए हैं — जिनमें कार के टुकड़े और मानव अवशेष शामिल हैं। इनकी जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है।

पुलिस की प्राथमिकी में इस विस्फोट को “बम धमाका” बताया गया है, जिसमें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और विस्फोटक अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं।

शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा था कि कार में तीन लोग मौजूद थे, लेकिन अब जांच में स्पष्ट हुआ है कि विस्फोट के समय कार केवल उमर नबी चला रहा था, जो अपने साथियों की गिरफ्तारी की खबरों से डरकर फरार हुआ था।

जांच में यह भी पता चला है कि उमर फरीदाबाद में अपने साथियों की गिरफ्तारी के बारे में इंटरनेट पर जानकारी जुटा रहा था और करीब तीन घंटे तक सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में कार खड़ी रखी थी। पुलिस ने उसकी गाड़ी की 11 घंटे की ट्रैकिंग की है। विस्फोट लाल किला पुलिस चौकी से कुछ ही मीटर पहले हुआ।

सोमवार को जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद शामिल हैं, जो फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। वहीं से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था।

जांचकर्ताओं के मुताबिक, डॉ. शाहीन जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा जमात-उल-मोमिनात की प्रमुख थी।

अधिकारियों ने बताया कि उमर नबी, जो दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के लेथपोरा का रहने वाला था, कार में अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर लेकर जा रहा था। उसके परिजनों ने बताया कि वह अंतर्मुखी था, पढ़ाई पर ध्यान देता था और फरीदाबाद के एक कॉलेज में फैकल्टी सदस्य था।

उमर की भाभी के अनुसार, उसने शुक्रवार को फोन करके बताया था कि वह परीक्षा कार्य में व्यस्त है और तीन दिन बाद घर लौटेगा। वह अकेला रहता था और उसके ज्यादा मित्र नहीं थे।

प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और डेटोनेटर का प्रयोग हुआ था।इसके साथ ही पुलिस ने पुलवामा के तारिक नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने उमर को वह हुंडई i20 कार दी थी जिसमें धमाका हुआ।

दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य खुफिया एजेंसियों की टीमें दिल्ली और कश्मीर में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं। चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।

राजधानी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी सीमा चौकियों, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल्स पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।सीसीटीवी फुटेज में मास्क पहने एक व्यक्ति को कार चलाते हुए देखा गया है। पुलिस ने उसके मार्ग की निगरानी के लिए कई टीमें तैनात की हैं। बताया जा रहा है कि विस्फोट से पहले कार करीब तीन घंटे एक पार्किंग में खड़ी थी।

दरियागंज और पहाड़गंज के होटलों व गेस्ट हाउसों में रातभर तलाशी अभियान चला।लाल किला मेट्रो स्टेशन बंद कर दिया गया है, और आसपास के इलाकों में यातायात प्रतिबंध लागू हैं।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सुबह 6 बजे से अगले आदेश तक वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी है।मृतकों में अमरोहा (यूपी) के अशोक कुमार (34) और दिल्ली निवासी अमर कटारिया (35) की पहचान हो चुकी है। अन्य मृतकों की पहचान जारी है। घायलों की संख्या 20 है, जिनमें 12 दिल्ली के और बाकी अन्य राज्यों — उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व हिमाचल — के निवासी हैं।

पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इस मामले को “दुर्घटनावश विस्फोट या असफल आतंकी साजिश” — दोनों ही कोणों से जांच रही हैं।