नई दिल्ली. रांची में पैगंबर के अपमान के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में गोली लगने से हुई दो युवकों की मौत के बाद अब जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से परिजनों की आर्थिक मदद की गई है. जमीयत ने झारखंड के मुख्यमंत्री से इस घटना में दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की गई है.
इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और एनएचआरसी के चेयरमैन को पत्र भी लिखा है, जिसमें दोनों युवकों की मृत्यु पर जल्द एक जांच समिति बनाने की मांग की है और दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत सस्पेंड कर सजा दिलाने, मृतकों के परिजनों को 50 -50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और घायलों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग उठाई है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने झारखंड के मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदर्शन पर गोली चलाने वालों की पहचान करके उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए और मृतकों के परिजानों को उचित मुआवजा दिया जाए, वहीं मौलाना मदनी ने जमीयत की तरफ से उनके परिजनों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि दी है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कार्यालय से इन दोनों शहीदों के परिजनों को कुल दो लाख रुपये अकाउंट के माध्यम से हस्तांतरित कर दिए गए हैं. इसके साथ ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यह उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री ने जो कमेटी गठित की है, वह निष्पक्ष जांच कर के जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी ताकि दोषियों को सजा दी जा सके.
जमीयत के झारखंड अध्यक्ष मौलाना असरारुल हक व अन्य पदाधिकारी स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और उसके अनुसार जरूरतमंदों को कानूनी सहायता भी प्रदान की जाएगी.
दरअसल पैगंबर मोहम्मद के अपमान के विरोध में जुमे की नमाज के बाद रांची में हुए प्रदर्शन के दौरान दो युवकों मोहम्मद मुदस्सिर और गुदड़ी चौक के मोहम्मद साहिल की गोली लगने से मृत्यु हुई. इस घटना के बाद दोनों के परिजन गहरे शोक में हैं. गत हफ्ते जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में जमीयत के एक प्रतिनिधिमंडल ने दोनों के परिजनों से भेंट की थी.