मेवात में रमजान बना वरदान, कोरोना का संक्रमण हुआ कम

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
अल-आफिया अस्पताल मांडीखेडा
अल-आफिया अस्पताल मांडीखेडा

 

 

- घर से बाहर न निकले नहीं तो कोरोना साथ लेकर घर जाएंगे

- मांडीखेड़ा के अल-आफिया अस्पताल के डाक्टरों को ऑक्सीजन खत्म होने का हर वक्त डर सताता है

यूनुस अलवी / मेवात

नूंह जिला के सिविल सर्जन डाक्टर सुरेंद्र यादव ने कहा कि कोराना फैलने से रोकने में रमजान का महीना मेवातियों के लिए एक वर्दान साबित हो रहा है. घर से बाहर न निकले नहीं, तो कोरोना साथ लेकर घर जाएंगे. फिलहाल मांडीखेड़ा अल-आफिया अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन स्टॉक न होने की वजह से डाक्टरों को ऑक्सीजन खत्म होने का हर वक्त डर सताता जरूर है.

सीएमओ ने कहा कि अल-आफिया अस्पताल में फिलहाल 32 ऑक्सीजन युक्त बेड़, 6 आईसीयू और 3 वेंटीलेटर मौजूद हैं, जिनकी क्षमता बढ़ाई जा रही है.

उन्होंने कहा कि अन्य जिलों की अपेक्षा नूंह जिला में कोरोना के मरीजों और मृत्यु संख्या बहुत कम है.

उनका कहना है कि बुधवार तक जिले में अब तक 38 कोरोना से मौत हुई हैं, जबकि 2277 कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिनमें से 1939 ठीक हो चुके है. जिले में फिलहाल 300 एक्टिव कैस हैं.

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सुरेंद्र सिंह, सीएमओ, मेवात


उन्होंने कहा कि रमजान का महीना मेवात के लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रहा हैं, क्योंकि रोजे की वजह से अधिकतर लोग घरों में ही रहते है.

उन्होंने कहा कि जो घरों से बाहर निकलते हैं, उनको अपना तुरंत टेस्ट कराना चाहिए, नहीं तो वे अपने घरों को कोरोना की बीमारी लेकर जा रहे हैं, जिससे पूरा परिवार खतरे में हो सकता है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा अपना टेस्ट कराएं और कोविशील्ड का इंजेक्शन जरूर लगवाएं.

उन्होंने मेवात के उलमा और धर्मिक गुरूओं द्वारा आगे आकर लोगों को जागरूक करने की पहल का स्वागत किया है.

उन्होंने कहा कि धार्मिक लोगों की वजह से उनको काफी आसानी हो रही है. जुखाम, खांसी और गले में खरास होने पर अपना टैस्ट जरूर कराएं. उन्हांेने कहा अगर टेस्ट कराने से लोग कोरोना पीड़ित होते हैं, तो उन पर स्वास्थ्य विभाग की नजर रहेगी. मेवात के लोग अब जागरूक हो रहे हैं.