सिलीगुड़ी.
भारत की गंगा-जमुना तहजीब का एक और उदाहरण यह है कि यह हिंदू त्योहार पर मुस्लिम भाईयों के हाथों बनी राखियों से पूरा होता है. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बड़ी संख्या में मुसलमान रक्षा बंधन के अवसर पर राखी बेच रहे हैं, जिसे गुरुवार को पूरे देश में मनाया जाना है. सिलीगुड़ी में कई व्यापारी दशकों से राखी बनाने के व्यवसाय में शामिल हैं. वे दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता से राखियां लाते हैं और फिर इसे स्थानीय बाजारों में बेचते हैं.
व्यापारियों में से एक गुलाम मुसलाफा ने कहा कि वे पारंपरिक रूप से ऐसा कर रहे हैं. वह सम्मानित महसूस करते हैं और धार्मिक मतभेदों में विश्वास नहीं करते हैं. इस बीच, मैनागुरी के खरीदार बिस्वजीत घोष ने कहा, ‘‘पिछले कई सालों से हम उनसे राखी खरीद रहे हैं क्योंकि वे सस्ती हैं और अच्छी गुणवत्ता रखते हैं.’’
रक्षाबंधन देश में हिंदुओं के सबसे बहुप्रतीक्षित त्योहारों में से एक है. यह त्योहार भाई-बहनों के बीच प्यार के बंधन का प्रतीक है और 11 अगस्त को मनाया जाएगा. यह हिंदू वर्ष के सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. सावन का महीना हिंदुओं के बीच एक शुभ काल माना जाता है और इस पूरे समय में हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है. रक्षा शब्द का अर्थ है सुरक्षा, जबकि बंधन का अर्थ है गाँठ बाँधना. यह एक प्राचीन हिंदू त्योहार है, जो भाइयों और उनकी बहनों के बीच प्यार और कर्तव्य का जश्न मनाता है.