राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग 10 जून को, कुछ सीटों पर फंसा है पेच

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 09-06-2022
संसद भवन
संसद भवन

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

शुक्रवार यानी 10 जून को राज्यसभा के लिए चुनाव होने हैं. कुल 57 सीटों के लिए चुनाव होने हैं लेकिन वोटिंग सिर्फ 16 सीटों के लिए होगी क्योंकि अन्य 41 सीटों पर प्रत्याशी निर्विरोध चुने जाएंगे.

इन 16 राज्यसभा सीटों का चुनाव चार राज्यों, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और हरियाणा से होना है.

महाराष्ट्र का महाभारत

महाराष्ट्र में राज्यसभा के कुल 6 सांसदों का चुनाव होना है. इस बार के चुनाव में महाराष्ट्र में सियासी लड़ाई सबसे तीखी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास महाराष्ट्र विधानसभा में इतना संख्याबल मौजूद है कि वह अपने दो राज्यसभा सांसद चुन सकती है. शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस भी अपने संख्याबल के आधार पर एक-एक सांसद चुनवाने की क्षमता रख रहे हैं. लेकिन इस चुनाव के बाद भी महाराष्ट्र में सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी और भाजपा के सामने असली चुनौती छठे सांसद के चुने जाने की है और इसी छठे सीट ने मुकाबले को रोचक बना दिया है.

अघाड़ी के अतिरिक्त वोट समझौते के तहत शिवसेना उम्मीदवार को दिए जाने हैं. लेकिन शिवसेना उम्मीदवार संजय पवार का जीतना आसान नहीं होगा. भाजपा ने भी अपनी तीसरी सीट के लिए धनंजय महादिक को प्रत्याशी बनाया है.

महादिक की जीत के लिए जरूरी होगा कि निर्दलीय विधायक भाजपा को वोट या फिर अघाड़ी के कुछ विधायक पाला बदले लें. ऐसे में घोड़ा-खरीद के आरोप लगाए जा रहे हैं. संकट यह है कि कोई भी विधायक, कम से कम महाराष्ट्र में अभी पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करके अपने राजनैतिक भविष्य को बिगाड़ने की हैसियत में नहीं है. ऐसे में मामला रोचक हो रहा है.

फिर भी, एहतियात बरतते हुए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों को होटल भेज दिया गया है और इन विधायकों को राज्यसभा चुनाव के मतदान होने तक होटलों से बाहर निकलने की मनाही है. भाजपा के विधायकों को भी किसी संभावित टूट से बचाने के लिए शहर के मशहूर ताज होटल में ठहराया गया है.

ऐसी परिस्थिति में पूरा खेल अब समाजवादी पार्टी और एआइएमआइएम के दो-दो और राज ठाकरे के मनसे एक एकमात्र विधायक के हाथ में है. एक और चाबी एनसीपी के जेल में बंद दो मंत्रियों के हाथ में भी है. उनके वोटिंग करने के अधिकार का मामला अभी अदालत में लंबित है.

महाराष्ट्र से भाजपा की तरफ से पीयूष गोयल ओर डॉ. अनिल बोंडे, एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, शिवसेना के संजय राउत, और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी का चुना जाना तय है.

राजस्थान में राज्यसभा का रण

राजस्थान से राज्यसभा चुनाव में दस सीटें हैं वोटिंग चार सीटों के लिए होगी. राज्य में कांग्रेस के तीन, भाजपा के एक और एक भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं. दो सीटों पर कांग्रेस और एक सीट पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है. दूसरी तरफ, सुभाष चंद्रा अपनी जीत का दावा कर चुके हैं.

कांग्रेस के पास 108 विधायकों का संख्या बल हैं और इसमें बसपा से आए 6 विधायक भी शामिल हैं. हालांकि, बसपा ने एक पत्र लिखकर पाला बदलने वाले 6 विधायकों के पार्टी में विलय को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है. यह चुनौती सुप्रीम कोर्ट में है और बसपा ने उन 6 विधायकों के वोटिंग को रोकने की मांग की है.

राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 108, भाजपा के पास 71, निर्दलीय 13, बीटीपी के 2, माकपा के 2, रालोद का एक विधायक है. कांग्रेस ने अपने पास कुल 126 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है, जिसमें उसके 106 के साथ, सभी 13 निर्दलीयों, माकपा, बीटीसी और रालोद का समर्थन के बारे में कहा गया है, इस तरह कांग्रेस के पास बहुमत के साथ तीन राज्यसभा उम्मीदवार मैदान में हैं.

कांग्रेस की तरफ से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी उम्मीदवार हैं, वहीं भाजपा के पास 71 विधायक हैं और भाजपा ने एक उम्मीदवार मैदान में उतारा है, जिसकी जीत निश्चित है. हालांकि, कांग्रेस के दो प्रत्याशियों की जीत तय है लेकिन उसके दावे के मुताबिक, पार्टी को अलर निर्दलीय, एसपीएम, बीटीसी, आरएलडी का समर्थन मिलता है तो कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार जीत सकते हैं.

भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की सीट पर भाजपा के तीस विधायक वोट करेंगे, साथ ही आरएलपी ने घोषणा कर कहा है कि उनके तीन विधायक सुभाष चंद्रा को वोट करेंगे. ऐसे में सुभाष चंद्रा को 33 वोट तय माने जा रहे हैं. अब उन्हें आठ विधायकों के वोट और चाहिए होंगे. सुभाष चंद्रा ने जयपुर में दावा किया है कि कांग्रेस की बाड़ाबंदी में बंद 8 एमएलए उनके लिए वोट करेंगे.

कर्नाटक की जंग

भाजपा की तरफ से कर्नाटक में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन मैदान में हैं. कर्नाटक में भाजपा के तीन सांसद चुने जाएंगे और एक सीट कांग्रेस के पास चली जाएगी. लेकिन राज्य की तीन प्रमुख पार्टियों ने चुनाव में कुल छह उम्मीदवारों को उतार दिया है.

कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति के संदर्भ में संख्याबल को देखकर राजनीतिक तस्वीर और साफ़ नज़र आ सकती है.

224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के पास 122 सदस्य हैं जबकि उसके पास एक-दो स्वतंत्र विधायकों का भी समर्थन है. कांग्रेस के पास 69 विधायक हैं और एक स्वतंत्र विधायक का समर्थन है जबकि जनता दल सेक्युलर के कुल 32 विधायक हैं.

यहां हर सीट के लिए कम से कम 45 वोटों की ज़रूरत है. ऐसा लग रहा है कि भाजपा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कन्नड़ अभिनेता जागेश के लिए 45-47 विधायकों का मतदान करवा सकती है. पार्टी के पास अतिरिक्त 32 वोट हैं जो वो अपने तीसरे उम्मीदवार लहर सिंह सिरोया के लिए छोड़ सकती है. कांग्रेस के उम्मीदवार जयराम रमेश भी आसानी से चुनाव जीत जाएंगे.

जनता दल सेक्युलर ने कृपेंद्र रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है जिन्होंने 2019 में एचडी देवगौड़ा के लिए अपनी सीट छोड़ी थी. जेडीएस के पास सदन में सिर्फ़ 32 सदस्य हैं. जेडीएस को सीट जीतने के लिए 13 वोटों की ज़रूरत होगी.

हरियाणा का गणित

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में दो सीटों पर चुनाव होना है.

भाजपा जिसके पास अपने 40 विधायक हैं को अपने उम्मीदवार कृष्ण लाल पवार की जीत की पूरी उम्मीद है, वहीं कांग्रेस जिसके पास 31 सीटे हैं वो भी दूसरी सीट पर जीत का दावा कर रही है.

विधायकों की घोड़ाखरीद के डर से कांग्रेस ने अपने 31 में से 29 विधायकों को छत्तीसगढ़ के एक रिजॉर्ट में बंद कर रखा है. संख्याबल को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवारों की जीत पक्की है. लेकिन तीसरे निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने कांग्रेस कैंप में सनसनी मचा दी है.

अजय माकन कांग्रेस उम्मीदवार हैं. राज्यसभा के गणित के मुताबिक राज्यसभा की दो सीटों में से पहली को जीतने के लिए 31 वोटों की ज़रूरत होगी, भाजपा और उसके सहयोगियों के पास कुल 59 सीटें हैं.