पंजाब के ‘बागी’ मंत्री ने रावत से की मुलाकात

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
हरीश रावत
हरीश रावत

 

चंडीगढ़. पंजाब के चार ‘बागी’ कैबिनेट मंत्री राज्य में सीएम बदलने की मांग कर रहे हैं. वे दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की बैठक से पहले एआईसीसी महासचिव हरीश रावत से मुलाकात करने बुधवार को देहरादून पहुंचे. चार मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने एक दिन पहले कहा था कि कम से कम 20अन्य कांग्रेस विधायकों के समर्थन से उनकी मुख्य मांग मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को ‘बदलने’ की है.

उन्होंने कहा कि वे पार्टी के बीच व्यापक असंतोष से आलाकमान को अवगत कराना चाहते हैं. बंद दरवाजे की बैठक के बाद वे स्पष्ट रूप से कह रहे थे कि पार्टी के लिए सीएम का विकल्प चुनने का समय आ गया है.

उनकी मुख्य परेशानी, मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों के साथ, अधूरे चुनावी वादे थे. खासकर 2015की बेअदबी और पुलिस फायरिंग के मामलों में कार्रवाई में देरी से भी नाराज हैं.

चन्नी ने मीडिया से कहा कि अन्य विधायकों द्वारा अधिकृत पैनल उनकी शिकायतों को सुनने के लिए कांग्रेस आलाकमान से समय मांगेगा, अन्यथा पार्टी के लिए पंजाब में फिर से आना मुश्किल होगा.

उन्होंने कहा कि विधायकों ने रेत, ड्रग, केबल और परिवहन माफियाओं के अस्तित्व सहित कई मुद्दों को भी उठाया है.

मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग में कथित रूप से पार्टी के 20विधायकों और पूर्व विधायकों में से सात ने इस तरह के किसी भी फैसले से दूरी बना ली है.

पंजाब कांग्रेस के जिन नेताओं ने पार्टी में तथाकथित उग्र विद्रोह से खुद को दूर कर लिया है. वे कुलदीप वैद, दलवीर सिंह गोल्डी, संतोख सिंह, अंगद सिंह, राजा वारिंग और गुरकीरत सिंह कोटली, सभी विधायक और भलाईपुर अजीत सिंह मोफर, एक पूर्व विधायक हैं.

उनका इनकार पंजाब कांग्रेस के एक वर्ग द्वारा पार्टी के विधायकों या पूर्व विधायकों की सूची सार्वजनिक किए जाने के कुछ घंटों के भीतर आया है, जिसमें दावा किया गया था कि ये नेता अमरिंदर सिंह को बदलना चाहते हैं और इस मामले को पार्टी आलाकमान के साथ उठाना चाहते हैं.

 

हालांकि, पार्टी के सात नेताओं ने इस तरह के किसी भी फैसले से यू-टर्न ले लिया और घोषणा की कि वे मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे.

इन सभी सातों ने कहा कि कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर बंद दरवाजे की बैठक हुई, जिसके बाद उनके नाम धोखाधड़ी से अन्य लोगों के साथ जारी किए गए, पार्टी मामलों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी.

कुछ प्रतिभागियों ने मुख्यमंत्री के प्रतिस्थापन के मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन दावों के विपरीत, कोई सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित नहीं हुआ या उस पर सहमति नहीं बनी.

इस तरह से अपने नामों के श्दुरुपयोगश् पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, सात नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे अमरिंदर सिंह के खिलाफ इस तरह के किसी भी फैसले का हिस्सा नहीं होंगे.