मनी लॉन्ड्रिंग में पंजाब के सीएम चन्नी का भतीजा गिरफ्तार

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
चरणजीत सिंह चन्नी
चरणजीत सिंह चन्नी

 

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को पंजाब में अवैध खनन से संबंधित धन शोधन रोकथाम मामले में गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

 
अधिकारी ने कहा कि हनी को ईडी ने गुरुवार को दूसरी बार तलब किया था और एक दिन की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया.
 
हनी को पहले ईडी ने 23 जनवरी को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर पहला समन छोड़ दिया और जांच में शामिल नहीं हुए थे.
 
हनी ने ईडी अधिकारियों को सूचित किया कि वह कोविड पॉजिटिव हैं और जांच में शामिल होने में असमर्थ हैं.
 
ईडी ने 18 जनवरी को होमलैंड हाइट्स सहित दस अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की थी, जो हनी का आवास हैं.
 
ईडी ने दो दिनों तक अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए.
 
हनी को जालंधर में ईडी के जोनल ऑफिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. उन्हें चल रही जांच के सिलसिले में अपना बयान दर्ज कराना था.
 
ईडी अधिकारियों ने हनी के बिजनेस पार्टनर कुदरत दीप सिंह का बयान दर्ज किया है.
 
ईडी के अधिकारी ने कहा था कि उन्होंने छापेमारी के दौरान अवैध रेत खनन, संपत्ति के लेन-देन, सेल फोन, 21 लाख रुपये से अधिक के सोने और 12 लाख रुपये की घड़ी और 10 करोड़ रुपये नकद से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए है.
 
एक सूत्र ने बताया कि उनके द्वारा बरामद दस्तावेजों से इस बात की पुष्टि हुई है कि कुदरत दीप सिंह दो फर्म चला रहे है, और भूपिंदर सिंह हनी उनमें संयुक्त निदेशक है.
 
सूत्रों के अनुसार, फर्म मूल रूप से शेल कंपनियां हैं, लेकिन ईडी ने बहुत सारे पैसे के लेनदेन का पता लगाया है. फर्मों में से एक प्रदाता ओवरसीज कंसल्टेंसी लिमिटेड है, जिसे 2018 में 33.33 प्रतिशत समान शेयरों के साथ शामिल किया गया था.
 
ईडी का मामला दो साल पुरानी प्राथमिकी के आधार पर है. पंजाब पुलिस ने सात मार्च 2018 को दस से अधिक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
 
ईडी ने पिछले साल नवंबर में पंजाब में अवैध बालू खनन से जुड़ी इस प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी.
 
ईडी ने पाया कि मामले में शामिल आरोपियों द्वारा पैसे की हेराफेरी की जा रही थी और उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी.