राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-चंडीगढ़
अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद शांत जम्मू-कश्मीर में आतंकी फिर से सिर उठाने लगे हैं. आतंकियों ने लोन वुल्फ अटैक के तहत चुन-चुनकर सिखों और हिंदुओं निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इसके खिलाफ पंजाब में जबरदस्त आक्रोश है. पंजाब के लोगों ने कई स्थानों पर आतंक और आतंकियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है.
आतंकियों ने हाल में 25 नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों की हत्याएं की हैं. इनमें कश्मीरी और मुस्लिम भी शामिल हैं.
संगरूर
आतंकियों ने अब यहां के हिंदुओं और सिखों पर खासतौर पर निशाना बनाना शुरू किया है, ताकि वे कश्मीर के शताब्दियों पुराने सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचा सकें.
हाल ही में श्रीनगर के एक स्कूल की प्रिंसीपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या कर दी. आतंकियों ने उनकी आईडी चैक करके पहले तसल्ली की थी कि वे गैर मुस्लिम हैं.
इससे पहले 1990 के आतंक के दौर से न डरकर श्रीनगर में रहने वाले कैमिस्ट माखन लाल बिंदरू की कर दी थी.
समाना
इन हत्याओं से पूरे देश में रोष है.
सैकड़ों मुस्लिम उलेमा ने भी आतंक के इस नए दौर की मजम्मत की है और उन्होंने कहा कि भारत की सांझी संस्कृति में ऐसे कायराना हमलों की कोई जगह नहीं है.
मुस्लिम उलेमा ने कुरान की आयत का हवाला देते कहा है कि इस्लाम के अनुसार एक इंसान का कत्ल पूरी इंसानियत का कत्ल है.
भटिंडा
ताजा खबर पंजाब से है, जहां के लोगों ने कई स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन करके आतंकियों के सामने डटकर खड़े रहने का संकल्प जताया है और पीड़ित परिवारों का समर्थन किया है.
कश्मीर में अल्पसंख्यों को निशाना के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने कैंडल लाइट प्रदर्शन भी आयोजित किए हैं.